Waqf Bill: क्या होता है ‘वक्फ बाई यूजर'? जानिये इसके बारे में
Waqf Bill: नए वक्फ कानून में ‘वक्फ बाई यूजर' सम्बंधित प्रावधान पर काफी चर्चा हो रही है। ये मसला है क्या, इसे जानना और समझना भी जरूरी है क्योंकि ये एक महत्वपूर्ण संशोधन है।;

Waqf Bill: नए वक्फ कानून में ‘वक्फ बाई यूजर' सम्बंधित प्रावधान पर काफी चर्चा हो रही है। ये मसला है क्या, इसे जानना और समझना भी जरूरी है क्योंकि ये एक महत्वपूर्ण संशोधन है। दरअसल, ‘वक्फ बाई यूजर’ का मतलब ऐसी संपत्तियों से है जिनका लंबे समय से धार्मिक या धर्मार्थ कार्यों में इस्तेमाल हो रहा होता है और इस वजह से उन्हें वक्फ माना जाता है भले ही उस संपत्ति के मालिकाना अधिकार के औपचारिक दस्तावेज ना हों। संशोधित कानून में यह छूट दी गई है कि यह प्रावधान उन संपत्तियों पर लागू नहीं होगा जो विवादित हैं या सरकारी भूमि पर हैं।
मस्जिदों के पास विक्रय पत्र नहीं होंगे
सुप्रीम कोर्ट ने इस संशोधन पर कहा है कि 14वीं से 16वीं शताब्दी के दौरान बनी ज्यादातर मस्जिदों के पास विक्रय पत्र यानी सेल डीड नहीं होंगे और ऐसी मस्जिदों से रजिस्टर्ड दस्तावेज मांगना असंभव होगा।
दरअसल, वक्फ बाई यूजर का सिद्धांत भारतीय वक्फ कानून का हिस्सा रहा है, जो धार्मिक या धर्मार्थ गतिविधियों के लिए लगातार उपयोग की जाने वाली संपत्तियों को वक्फ के रूप में मान्यता देता है। जैसे कि कोई मस्जिद है जिसका इस्तेमाल बहुत लम्बे समय से मस्जिद के रूप में किया जा रहा है लेकिन जिस जमीन पर मस्जिद बनी है उसकी ओनरशिप के कोई दस्तावेज मौजूद नहीं है तो इस दशा में भी वह जमीन और मस्जिद वक्फ संपत्ति मानी जायेगी।
क्या होता है वक्फ का मतलब
"वक्फ" का मतलब है किसी व्यक्ति द्वारा किसी भी चल या अचल संपत्ति को मुस्लिम कानून द्वारा पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए स्थायी रूप से समर्पित करना। वक्फ अधिनियम, 1995 में धारा 3 के मुताबिक :
- - वक्फ बाई यूजर एक लम्बी अवधि में धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संपत्ति का निरंतर उपयोग है।
- - वक्फ की स्थिति के लिए एक संपत्ति का समर्पण उसके उपयोग और मालिक के आचरण से अनुमान लगाया जा सकता है।
- - एक बार वक्फ के रूप में नामित होने के बाद, संपत्ति को अल्लाह की संपत्ति माना जाता है और इसे रद्द नहीं किया जा सकता है।
- - भारतीय न्यायशास्त्र और क़ानूनों ने इस अवधारणा को बरकरार रखा है, जिसमें 1954 और 1995 के वक्फ अधिनियम शामिल हैं।
- - अपनी ऐतिहासिक स्वीकृति के बावजूद, 'वक्फ बाई यूज़' को आलोचना का सामना करना पड़ा है क्योंकि दस्तावेज न होने से अक्सर अनावश्यक मुकदमेबाजी और विवाद हुए हैं। ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जहाँ सरकारी संपत्तियों को विवादास्पद रूप से वक्फ घोषित किया गया था।
क्या कहता है नया वक्फ कानून
नया कानून वक्फ बाई यूजर की अवधारणा को समाप्त करता है। इसके तहत अब सिर्फ लम्बे समय से इस्तेमाल के आधार पर संपत्तियों को वक्फ के रूप में नामित नहीं किया जा सकता है। अब किसी भी नए वक्फ निर्माण के लिए एक औपचारिक वक्फ डीड की जरूरत होगी। "वक्फ बाई यूजर" के तहत मौजूदा रजिस्टर्ड वक्फ संपत्तियों को संरक्षित किया जाएगा, बशर्ते वे विवादित या सरकारी स्वामित्व वाली न हों।