Dangerous Cough Syrups: सावधान! भारत में बैन हुए ये चार खांसी के सिरप, WHO ने जारी किया अलर्ट

Dangerous Cough Syrups: कफ सिरप पीने के बाद हुई बच्चों की मौत को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को भारत की मेडेन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड द्वारा बनाए गए खांसी-जुकाम सिरप को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है।

Report :  Vidushi Mishra
Update: 2022-10-06 06:17 GMT

कफ सिरप (फोटो- सोशल मीडिया)

Dangerous Cough Syrups: भारतीय कंपनी द्वारा बनाए गए सर्दी-खांसी के सिरप को लेकर चेतावनी जारी हो गई है। पश्चिमी अफ्रीकी देश गांबिया में भारत के हरियाणा की एक कंपनी में बनी कफ सिरप पीने से 66 बच्चों की मौत होने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि इस सिरप का सेवन घातक हो सकता है। ये कंपनी भारत के हरियाणा के सोनीपत में स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड है।

कफ सिरप पीने के बाद हुई बच्चों की मौत को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को भारत की मेडेन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड द्वारा बनाए गए खांसी-जुकाम सिरप को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। इस मामले में WHO ने लोगों से इसका इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। आइए आपको बताते हैं कि डब्ल्यूएचओ ने कौन सी चार सिरप (list of banned cough syrup in india) को लेकर अलर्ट जारी किया है।

इन चार कफ सिरप का न करें इस्तेमाल

प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन (Promethazine Oral Solution)

कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप (Kofexmalin Baby Cough Syrup)

मकॉफ बेबी कफ सिरप (Makoff Baby Cough Syrup)

मैग्रीप एन कोल्ड सिरप (Magrip N Cold Syrup)

बता दें, ये चारों कफ सिरप भारत के हरियाणा में सोनीपत के मेडेन फार्मास्यूटिकल कंपनी द्वारा बनाए गए हैं।

ऐसे में इन सिरप के बारे में डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कहा कि आज तक कंपनी ने इन उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता की गारंटी नहीं दी है। वहीं इन चार उत्पादों के नमूनों के प्रयोगशाला विश्लेषण इस बात की पुष्टि भी करते हैं कि उनमें डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की अस्वीकार्य मात्रा पाई गई है।

आपको बता दें, कि सिरप में मिले लवणों में डायथाइलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल का सेवन किसी के लिए भी घातक साबित हो सकता हैं। सिरप में इस लवण के प्रभाव से पेट दर्द, उल्टी, दस्त, पेशाब न होना, सिरदर्द, मानसिक स्थिति पर असर, और किडनी संबंधी समस्याएं हो सकती है। यहां तक की सेवन थोड़ा भी ऊपर-नीचे होने पर या फिर ऐसे ही जान भी जा सकती है।

फिलहाल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा उत्पादों के सभी तरह से तब तक असुरक्षित और अस्वीकार्य माना जाना चाहिए, जब तक कि संबंधित राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरणों द्वारा उन दवाओं की सही तरीके से जांच नहीं हो जाती और ये कुछ पुष्टि से साबित नहीं हो जाता है।


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