लखनऊ: बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का जीवन संघर्ष और सफलता की ऐसी अद्भुत मिसाल है जो शायद ही कहीं और देखने को मिले। भारतीय जाति प्रथा की बुराइयों के बीच जन्मे बाबा साहेब ने बचपन से ही उपेक्षा और असमानता का दंश झेला। कोई आम आदमी इन आघातों से कमजोर पड़ जाता, लेकिन पर बाबा साहब तो कुछ अलग ही मिट्टी के बने थे। इन आघातों ने उन्हें वज्र सा मजबूत बना दिया और अपनी असीम इच्छाशक्ति और मेहनत के बल पर उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दिया।
newztrack.com पर हम पहले ही उनके प्रेरणादायक विचार शेयर कर चुके हैं और आज हम आपको उनसे सम्बंधित कुछ ऐसी बातें शेयर कर रहे हैं जो शायद आपने पहले नहीं सुनी होंगी। तो आइये देखते हैं इन्हें बाबासाहेब बी आर अम्बेडकर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य...
1- भीमराव अंबेडकर अपने माता-पिता की चौदहवीं और आखिरी संतान थे।
2- डॉ. अंबेडकर के पूर्वज बहुत समय तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी में एम्प्लोयेड थे और उनके पिता ब्रिटिश इंडियन आर्मी में महू छावनी में तैनात थे।
3- डॉ. अम्बेडकर का मूल या ओरिजिनल नाम था अम्बावाडेकर था, लेकिन उनके शिक्षक, महादेव अम्बेडकर, जो उन्हें बहुत मानते थे ने स्कूल रिकॉर्ड्स में उनका नाम अम्बावाडेकर से अम्बेडकर कर दिया।
4- बाबा साहब मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में दो साल तक प्रिंसिपल पद पर कार्यरत रहे।
5- डॉ. बी. आर अम्बेडकर भारतीय संविधान की धारा 370, जो जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देता है के खिलाफ थे।
6-बाबासाहेब अम्बेडकर विदेश जाकर अर्थशास्त्र डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने वाले पहले भारतीय थे।
7- डॉ. अम्बेडकर बाद के सालों में डायबिटीज से बुरी तरह ग्रस्त थे।
8-डॉ. अम्बेडकर ही एक मात्र भारतीय हैं जिनकी पोर्ट्रिट लन्दन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स के साथ लगी हुई है।
9-इंडियन फ्लैग में अशोक चक्र को जगह देने का श्रेय भी डॉ. अम्बेडकर को जाता है।
10-बी आर लेबर मेंबर ऑफ द विक्टिरी एक्जिक्यूटिव काउंसिल के सदस्य थे और उन्हीं की वजह से फैक्ट्रियों में कम से कम 12-14 घंटे काम करने का नियम बदल कर सिर्फ 8 घंटे कर दिया गया था।
11- वो बाबा साहब ही थे, जिन्होंने महिला श्रमिकों के लिए सहायक मैटिरनिटी बेनिफिट फॉर वूमेन लेबर, वुमेन लेबर वेलफेयर फंड और वुमेन एंड चाइल्ड लेबर प्रोटेक्शन एक्ट जैसे कानून बनाए।
12-इकोनॉमिक्स का नोबेल प्राइज जीत चुके अर्थशास्त्री प्रो. अमर्त्य सेन भी डॉ. बी आर अम्बेडकर को अर्थशास्त्र में अपना पिता मानते हैं।
13-बेहतर विकास के लिए 50 के दशक में ही बाबासाहेब ने मध्य प्रदेश और बिहार के विभाजन का प्रस्ताव रखा था, पर सन 2000 में जाकर ही इनका विभाजन कर छत्तीसगढ़ और झारखंड का गठन किया गया।