इलाहाबाद: दादरी के बीफ कांड में घटना की जांच कर रही यूपी पुलिस ने मामले की सीबीआई जांच कराने से साफ इनकार कर दिया है। यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि पुलिस घटना की निष्पक्ष जांच कर रही है। आरोपी पुलिस की जांच को भटकाने और ट्रायल लेट करने के लिए मामले को राजनीतिक रंग देना चाहते हैं।
मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अजय लांबा और न्यायमूति राघवेंद्र की खंडपीठ ने याची को सरकार के जवाब का प्रतिउत्तर दाखिल करने का मौका देते हुए मामले की सुनवाई के लिए चार मई की तिथि नियत की है।
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आरोपियों का तर्क
-घटना के मुख्य आरोपी के पिता संजय सिंह और सुराज सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है।
-साथ ही कहा कि पुलिस की चार्जशीट रद की जाए। याची का कहना है कि उसे राजनीतिक रंजिश के कारण इस मामले में फंसाया गया है।
-क्योंकि वह बीजेपी का मेंबर है। विवचेना में पुलिस मनमानी कर रही है।
-लैब रिपोर्ट के बिना चार्जशीट दाखिल कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में सरकार से जवाब मांगा था।
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यूपी सरकार का जवाब
-घटना 28 सितंबर 15 की रात साढ़े दस बजे की है। हालांकि एफआईआर में रात 1130 बजे लिखाई गई।
-आरोपियों का नाम मृतक अखलाक की पत्नी ने दर्ज कराया गया, जो घटना की चश्मदीद गवाह है।
-अखलाक का बेटा भी गंभीर रूप से घायल हुआ था जो कि चश्मदीद गवाह है।
-विक्टिम के पास आरोपियों पर झूठा मुकदमा दर्ज कराकर फंसाने की कोई वजह नहीं है।
-पुलिस ने निष्पक्ष जांच की है और चश्मदीद गवाहों के बयानों के आधार पर चार्जशीट दाखिल किया।