नई दिल्लीः एक अंग्रेजी अखबार ने इशरत जहां मुठभेड़ मामले में लापता फाइलों की जांच कर रहे सीनियर ब्यूरोक्रेट बीके प्रसाद की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में ला दी है। अखबार ने दावा किया है कि उसके पास ऑडियो रिकॉर्डिंग है। इसमें बीके प्रसाद एक अन्य ब्यूरोक्रेट से कह रहे हैं कि वह फाइलों के लापता होने के बारे में किस सवाल का क्या जवाब दें।
अखबार ने क्या किया है दावा
-बीके प्रसाद ने वाणिज्य विभाग में ज्वॉइंट सेक्रेटरी अशोक कुमार से फोन पर बात की।
-इस बातचीत के दौरान प्रसाद ने अशोक कुमार को बताया कि जांच के दौरान किस सवाल का क्या जवाब देना है।
-इस बातचीत के दौरान एक अंग्रेजी अखबार का रिपोर्टर भी वहां मौजूद था।
-रिपोर्टर ने बीके प्रसाद और अशोक कुमार के बीच बातचीत को रिकॉर्ड किया।
किन सवालों का क्या जवाब बताया?
-बीके प्रसाद ने अशोक से कहा कि सबसे मेरे को ये पूछना है कि आपने ये पेपर देखा, आपको कहना है कि मैंने ये पेपर नहीं देखा।
-आपको इतना तो कहना होगा कि या तो वो फाइल ही मैंने कभी जिंदगी में डील नहीं किया, कभी फाइल को देखने का मौका ही नहीं मिला।
-जब पूछा जाए कि दस्तावेजों को अलग रखने के लिए आपको किसी ने दिया था तो आप बोलोगे, नहीं मेरे को किसी ने नहीं दिया।
अफसर को और क्या समझाया?
-अखबार के मुताबिक जांच अधिकारी बीके प्रसाद ने समझाया कि अफसर को सवालों का इस तरह जवाब क्यों देना है।
-प्रसाद ने कहा, 'सीधी सी बात है, वरना सब लोग बोल देंगे कि भाई फाइल में था तो आपके ऊपर भी आएगा ना भाई कि इन्होंने गायब तो नहीं कर दिया।'
क्यों बिठाई गई है जांच?
-एनडीए सरकार ने आरोप लगाया है कि इशरत जहां मुठभेड़ को फर्जी करार देने की साजिश रची गई।
-इशरत पर लगे लश्कर का आतंकी होने का लेबल हटाने की कोशिश करने का आरोप पूर्व गृहमंत्री चिदंबरम पर लगाया गया।
-इस मामले से जुड़ी कई फाइलें लापता होने की बात कही जा रही है। इस बारे में बीके प्रसाद को जांच सौंपी गई है।