इन 2 घातक हथियारों की होगी आर्मी में इंट्री, खरीद के लिए विदेश गई टीम

Update: 2018-07-03 13:50 GMT

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली से बड़ी खबर मिल रही है कि केंद्र सरकार ने एक आर्मी ब्रिगेडियर के नेत्रत्व में 9 सदस्यीय 'अधिकारप्राप्त समिति' को अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, इजरायल और यूएई रवाना किया है। जो हमारे ऑर्म्ड फोर्सेज के लिए असॉल्ट राइफलों और क्लोज-क्वॉर्टर बैटल कार्बाइनों के खरीद की संभावनाएं देखेगी।

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रक्षा मंत्रालय ने इसी वर्ष मार्च में 72,400 असॉल्ट राइफलों, 93,895 क्लोज-क्वॉर्टर बैटल कार्बाइनों की खरीद प्रक्रिया को आरंभ किया था।

ये अधिकारप्राप्त समिति शनिवार को रवाना हुई। समिति इन देशों में ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स या वेंडर्स की राइफलों व कार्बाइनों को देखेगी और तय करेगी की ये हमारे लिए कितने सही हैं। का मूल्यांकन करेगी।

आपको बता दें इन राइफलों और कार्बाइनों को चीन,पाकिस्तान सीमा पर तैनात ऑर्म्ड फोर्सेज के जवानों दिया जाना है।

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देश में होगा ट्रायल

जो हथियार समिति के मानकों पर खरे उतरेंगे उनका ट्रायल देश में किया जाएगा। इसके बाद ट्रायल में पास हथियार के लिए रक्षा मंत्रालय निविदा निकालेगी।

कितना आएगा खर्च

राइफलों पर 1,798 करोड़ और कार्बाइनों की खरीद पर 1,749 करोड़ रुपये खर्च होने हैं।

कैसे होनी है डिलेवरी

ट्रायल में पास हथियारों की खरीद को डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल से खरीद की मंजूरी मिलने के 3 से 12 माह के अंदर इन हथियारों की डिलेवरी हो सकेगी।

लग गए 14 साल

आर्मी ने वर्ष 2005 में 382 इनफैंटरी के लिए असॉल्ट राइफलों और कार्बाइनों की मांग की थी। लेकिन अब जाकर उसे ये हथियार नसीब होंगे।

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