संजय तिवारी की विशेष रिपोर्ट
लखनऊ/अयोध्या/गोरखपुर। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में राममंदिर निर्माण का मुद्दा बहुत तेजी से गर्म होने लगा है। संत समाज ने केंद्र सरकार को अब और मोहलत न देने का निर्णय लिया है। संतों ने कहा है कि इस समय यदि श्रीराम मंदिर का निर्माण नहीं हो पाया तो भविष्य में कभी नहीं हो सकेगा।
श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े सभी प्रमुख संत इस समय श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के अध्यक्ष और गोरखक्षपीठ के महंत रहे ब्रह्मïलीन अवेद्यनाथ की स्मृति में आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए गोरखपुर में जुटे हैं।
इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरखक्षपीठाधीश्वर महंत आदित्यनाथ स्वयं भी मौजूद थे। इस बारे में न्यूजट्रैक अपना भारत से विशेष बातचीत करते हुए दिगम्बर अखाड़ा अयोध्या के महंत तथा रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रणेता ब्रह्मïलीन परमहंस रामचन्द्रदास के उत्तराधिकारी महंत सुरेशदास ने कहा कि चित्रकूट, अयोध्या, वृंदावन, हरिद्वार, कांची और देश भर की सभी महत्वपूर्ण पीठों से जुड़े हुए संतों के प्रतिनिधि मण्डल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मसले पर मुलाकात की थी तो उन्होंने संत समाज से दो तीन साल का समय मांगा था। अब उनकी सरकार तीन साल पूरे हो चुके हैं।
एक प्रश्न के उत्तर में महंत सुरेशदास ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन केवल स्थगित किया गया है। यह आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है। यह पूछे जाने पर कि संत समाज अभी और कितनी प्रतीक्षा कर सकता है, उन्होंने कहा कि २०१९ के लोकसभा चुनाव से पहले संत समाज मंदिर का निर्माण चाहता है। आगामी ०५ दिसंबर से इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में प्रतिदिन होने जा रही है।
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