अयोध्या में राममंदिर निर्माण यदि अभी नहीं तो कभी नहीं होगा : सुरेश दास

Update:2017-09-10 19:15 IST

संजय तिवारी की विशेष रिपोर्ट

लखनऊ/अयोध्या/गोरखपुर। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में राममंदिर निर्माण का मुद्दा बहुत तेजी से गर्म होने लगा है। संत समाज ने केंद्र सरकार को अब और मोहलत न देने का निर्णय लिया है। संतों ने कहा है कि इस समय यदि श्रीराम मंदिर का निर्माण नहीं हो पाया तो भविष्य में कभी नहीं हो सकेगा।

श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े सभी प्रमुख संत इस समय श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के अध्यक्ष और गोरखक्षपीठ के महंत रहे ब्रह्मïलीन अवेद्यनाथ की स्मृति में आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए गोरखपुर में जुटे हैं।

इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरखक्षपीठाधीश्वर महंत आदित्यनाथ स्वयं भी मौजूद थे। इस बारे में न्यूजट्रैक अपना भारत से विशेष बातचीत करते हुए दिगम्बर अखाड़ा अयोध्या के महंत तथा रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रणेता ब्रह्मïलीन परमहंस रामचन्द्रदास के उत्तराधिकारी महंत सुरेशदास ने कहा कि चित्रकूट, अयोध्या, वृंदावन, हरिद्वार, कांची और देश भर की सभी महत्वपूर्ण पीठों से जुड़े हुए संतों के प्रतिनिधि मण्डल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मसले पर मुलाकात की थी तो उन्होंने संत समाज से दो तीन साल का समय मांगा था। अब उनकी सरकार तीन साल पूरे हो चुके हैं।

लोक सभा के साथ-साथ अब अगले साल राज्यसभा में भी भाजपा का बहुमत हो जायेगा। केंद्र के अलावा उत्तर प्रदेश में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बन चुकी है। संतों का प्रश्न है कि राष्टï्रपति आपका है, उपराष्टï्रपति आपका है, संसद में आपके पास पूर्णबहुमत है। ऐसे में अब श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण में विलंब संत बर्दाश्त नहीं करेंगे।

एक प्रश्न के उत्तर में महंत सुरेशदास ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन केवल स्थगित किया गया है। यह आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है। यह पूछे जाने पर कि संत समाज अभी और कितनी प्रतीक्षा कर सकता है, उन्होंने कहा कि २०१९ के लोकसभा चुनाव से पहले संत समाज मंदिर का निर्माण चाहता है। आगामी ०५ दिसंबर से इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में प्रतिदिन होने जा रही है।

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सुप्रीम कोर्ट से क्या फैसला आयेगा यह हम नहीं जानते हैं लेकिन हम इतना जानते हैं कि यदि २०१९ से पहले अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता है तो फिर कभी नहीं हो पायेगा। उन्होंने कहा कि हमें केंद्र की सरकार को बार-बार यह याद दिलाने की जरूरत नहीं है कि देश की जनता से मंदिर निर्माण का वादा करके उन्होंने वोट लेकर सरकार बनाई है। यह पूछे जाने पर कि सुप्रीम कोर्ट में विलंब होने या फैसला विपरीत आने पर संत समाज क्या करेगा, उन्होंने कहा कि संतों को अयोध्या में भगवान राम के जन्मभूमि पर मंदिर से मतलब है। जिस तरह सरदार पटेल ने सोमनाथ में मंदिर का निर्माण कराया था वह रास्ता वर्तमान सरकार के पास भी है और हम सिर्फ इतना जानते हैं कि यदि इतने प्रचण्ड बहुमत के बाद भी मंदिर नहीं बन पाता है तो भविष्य में कभी नहीं बन पायेगा। उन्होंने कहा कि इस समय देश में माहौल भी अच्छा है और सभी लोग राममंदिर बनते देखना चाहते हैं। साढे ४०० वर्षों की इस विडंबना को खत्म करने का यही सही समय है।

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