नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी की स्वप्निल योजना आयुष्मान भारत आगामी 15 अगस्त से शुरू हो जाएगी लेकिन अभी ये सिर्फ 12 से 15 राज्यों में ही शुरू हो पाएगी।
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योजना को आकार देने वाले डॉ. विनोद पॉल का कहना है कि योजना को पहले ही दिन लागू करने के लिए अभी सभी राज्य तैयार नहीं हैं, इसलिए शुरू में 12-15 राज्य ही शामिल होंगे। हालांकि, पहले दिन से ही मरीज चयनित अस्पतालों में इलाज के लिए जा सकेंगे जिसके तहत 5 लाख रुपए प्रति परिवार का बीमा तय किया गया है।
पहले चरण में ये राज्य शामिल नहीं
पहले चरण में इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार,असम और पश्चिम बंगाल जैसे बडे राज्य शामिल नहीं हैं। कहा जा रहा है कि इन राज्यों को अभी तैयारी के लिए और समय चाहिए। ये राज्य करीब 6 महीने या फिर इससे अभी अधिक का समय ले सकते हैं।
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निोद पॉल ने कहा कि निजी अस्पतालों को इस योजना की शिकायत करने का कोई मौका नहीं है। कुछ अस्पताल तय दामों से 40 फीसदी अधिक चार्ज कर सकते हैं लेकिन इसके लिए भी कुछ शर्तें होंगी।
शर्तें कुछ इस तरह हैं
10 प्रतिशत जो अस्पताल NABH से मान्यता प्राप्त हो।
10 प्रतिशत जिन अस्पतालों में पीजी कोर्स चलता हो।
10 प्रतिशत जो पिछड़े जिलों में मौजूद हो।
10 प्रतिशत अगर राज्य अतिरिक्त मदद करें तो।
इसके अलावा हर अस्पताल में आयुष्मान मित्र होगा, जो कि योजना की जानकारी के तहत मरीजों की मदद करेगा। इन अस्पतालों का रेगुलर ऑडिट होगा और मॉनिटर भी किया जाएगा।
अलग से सिस्टम बनेगा सिस्टम
किसी भी तरह की शिकायत के लिए अलग से सिस्टम बनेगा। सरकार ने अप्रैल से ही ग्राम पंचायत और ग्राम सभा के जरिए लोगों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। इस योजना में सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों को पहले तवज्जो दी जाएगी। जिन राज्यों में सरकारी और प्राइवेट सेक्टर की बिड बराबरी पर छूटेगी वहां 50-50 बांट दिया जाएगा।
योजना करीब 12000 करोड़ रुपए की हो सकती है। जीएसटी लागू करने के दौरान जो गलतियां हुई थीं, सरकार उनको दोहराना नहीं चाहती है।