लखनऊ/आजमगढ़ः आजमगढ़ में हिंसा रोकने में नाकाम रहे डीआईजी रेंज डॉ. उमेश चंद्र श्रीवास्तव, कमिश्नर आरपी गोस्वामी और एसपी दयानंद मिश्र को शासन ने हटा दिया है। वहीं, दंगों को रोक पाने में नाकाम प्रशासन ने आजमगढ़ में हालात को देखते हुए इंटरनेट सर्विस बंद कर दी है। ताकि सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की कोई अफवाह न फैल सके।
सोमवार को यहां एडीजी लॉ एंड ऑर्डर दलजीत चौधरी और एटीएस के आईजी असीम अरुण पहुंचे और हालात का जायजा लिया। शहर में सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च किया। 21 नामजद और करीब 200 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज कर सात लोगों को पकड़ा गया है।
दूसरी ओर, सांप्रदायिक हिंसा के बाद जांच के लिए जा रही बीजेपी की कमेटी को बाराबंकी पुलिस ने कस्टडी में ले लिया। इस कमेटी में यूपी के पूर्व डीजीपी बृजलाल और पूर्व आईजी डीके राय भी शामिल थे। टीम को रोके जाने के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ने सपा सरकार पर निशाना साधा। मौर्या ने कहा कि सरकार नाकाम रही है और इसे जनता से छिपाने की कोशिश कर रही है।
हिंसा रोकने में नाकाम बड़े अफसर नपे
-गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्र को आरपी गोस्वामी की जगह कमिश्नर बनाया गया।
-धर्मवीर को आजमगढ़ का नया डीआईजी रेंज बनाया गया है।
-वाराणसी जोन के आईजी एसके भगत ने कमान अपने हाथ में ले रखी है।
-एसपी दयानंद मिश्र को भी हटाया गया है। उनकी जगह अजय कुमार साहनी एसपी बनाए गए हैं।
दो दिन की हिंसा के बाद चेती पुलिस
-हिंसाग्रस्त इलाकों में 2 कंपनी आरएएफ और 12 कंपनी पीएसी तैनात।
-पड़ोसी जिलों से भी फोर्स मंगाकर लगाई गई।
-एटीएस के आईजी असीम अरुण ने पुलिस के साथ फ्लैग मार्च किया।
-एडीजी एलओ ने हालात नियंत्रण में होने का दावा किया।
-आजमगढ़ जिले में इंटरनेट सर्विस बंद किए जाने की खबर।
बीजेपी की टीम को कस्टडी में लिया
-छह मेंबर वाली टीम आजमगढ़ जा रही थी।
-बाराबंकी के अहमदपुर टोल प्लाजा पर सभी को कस्टडी में लिया गया।
-पूर्व डीजीपी बृजलाल, विधायक राधामोहन दास कमेटी में शामिल थे।
-सांसद नीलम सोनकर, प्रदेश मंत्री जयप्रकाश निषाद और पूर्व आईजी राजेश राय भी कमेटी में थे।
पूर्व डीजीपी बृजलाल ने सपा पर लगाए आरोप
-आज सपा सरकार में पुलिस का मनोबल गिर रहा है पुलिसकर्मी मारे जा रहे हैं।
-जबकि मेरे कार्यकाल में ऐसा नहीं था हमने अपने समय में यह नहीं देखा और न कभी ऊपर पूछा कि जिसको हमने अरेस्ट किया है वह किस पार्टी का है।
-लेकिन आज ऐसा नहीं है पुलिस वाले वही हैं लेकिन आज पुलिस अधिकारियों को खुलकर काम नहीं करने दिया जा रहा है।
-बड़े अफसोस की बात है कि आज अखिलेश सरकार आतंकियों की रिहाई की बात कर रही है और प्रदेश के डीजीपी और एडीजी पर केस दर्ज़ किया गया।
क्या है मामला?
-शनिवार और रविवार को आजमगढ़ में जमकर हिंसा हुई थी।
-इस दौरान दंगाइयों ने फायरिंग भी की थी।
-फायरिंग में सीओ सिटी केके सरोज के हाथ में गोली लगी थी।
-एसडीएम और तहसीलदार समेत कई अफसर इस दौरान घायल हुए थे।
-रविवार को आईजी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया था।
-बाद में फिर माहौल खराब हो गया।
शनिवार को शुरू हुआ था बवाल
मामूली विवाद को लेकर खोदादादपुर में शनिवार रात सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी। इस दौरान सीओ, एसडीएम और तहसीलदार सहित दर्जनभर पुलिसकर्मी घायल हुए। आम लोगों को भी चोटें आईं। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। लाठीचार्ज व हवाई फायरिंग के बाद किसी तरह हालात पर काबू पाया जा सका था। रविवार को फिर जमकर हिंसा हुई थी।