नई दिल्ली: बीजेपी समेत सभी दलों में ब्राहम्णों की अनदेखी का फायदा उठाते हुए कांग्रेस ने यूपी में एक बड़ा दांव खेला है। गुरुवार को AICC की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनार्दन द्विवेदी ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में सीएम पद का उम्मीदवार बनाया है। वहीं, संजय सिंह प्रचार समिति के अध्यक्ष बनाए गए तो प्रमोद तिवारी को को-ऑर्डिनेशन समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। शीला दीक्षित यूपी से हैं लेकिन यहां की राजनीति में कहीं नहीं रहीं।
यूपी का सीएम फेस बनने के बाद शीला दीक्षित ने कहा, ''मैं पूरी कोशिश करूंगी कि पार्टी ने मुझे जो इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है, उस पर खरी उतर सकूं। मुझ पर भरोसा दिखाने के लिए पार्टी का धन्यवाद। यूपी में चुनौती काफी बड़ी है। सपा, बसपा और बीजेपी तीनों पार्टी से हमारा कांटे का मुकाबला होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि यूपी 2017 विधानसभा चुनाव में पार्टी का रिजल्ट अच्छा रहेगा। हम सब एकजुट होकर काम करेंगे। मैं चाहती हूं कि प्रियंका गांधी सिर्फ रायबरेली, अमेठी ही नहीं बल्कि पूरे यूपी में उनके साथ प्रचार करें।''
— INC India (@INCIndia) July 14, 2016
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नीचे देखिए, AICC की प्रेस कॉन्फ्रेंस का VIDEO...
यूपी विधानसभा चुनाव में अच्छा परिणाम पाने के लिए कांग्रेस पूरी जान फूंक रही है। इसीलिए ब्राह्मण चेहरे के तौर पर सीएम पद के लिए शीला दीक्षित का नाम आगे किया है। यूपी की शीला दीक्षित ने अपनी पूरी राजनीति दिल्ली में की है। तीन बार दिल्ली की सीएम रहीं शीला जल्द निर्णय लेने के लिए जानी जाती हैं। अपने मंत्रिमंडल पर उनकी अच्छी पकड़ रही है। इसलिए पार्टी हाईकमान ने उन पर पूरा भरोसा किया है। यूपी में 14 प्रतिशत ब्राह्मण वोट हैं। कांग्रेस ये मान के चल रही है कि उनके आने से ब्राह्मण वोट फिर से कांग्रेस के पाले में आ जाएगा जो अयोध्या आंदोलन के दौर में खिसक कर बीजेपी के पास चला गया था। बाद में कांग्रेस के वोट का कुछ हिस्सा बसपा के पास भी गया।
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विधानसभा के 2007 के चुनाव में बसपा ने ब्राह्मण ओर दलित वोट के गठजोड़ से सत्ता हासिल कर ली थी। यूपी में पहली बार 2007 में बसपा की पूरे बहुमत की सरकार बनी थी। यूपी कांग्रेस के बड़े नेता भी मानते हैं कि कि शीला दीक्षित का नाम सीएम के तौर पर आगे कर पार्टी ने बड़ा काम किया है। लगातार 11 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके और अब राज्यसभा के सदस्य प्रमोद तिवारी कहते हैं कि श्रीमती दीक्षित सच में एक बड़ा चेहरा हैं। उनका कद यूपी में पार्टी के और किसी नेता से ज्यादा बड़ा है।
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कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह कहते हैं कि देर तो नहीं हुई लेकिन ये काम पहले होना चाहिए था। कांग्रेस पहली पार्टी है जिसने विधानसभा चुनाव में सीएम पद के दावेदार का नाम आगे किया है। अब तक बीजेपी या सपा भी ऐसा नहीं कर सकी है।
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