3 बजे से ‘मनकामेश्वर’ में उमड़ी भक्तों की भीड़, भव्य आरती का हुआ आयोजन

Update: 2018-07-30 08:50 GMT

लखनऊ : यहां गोमती नदी के बाएं तट पर स्थित ऐतिहासिक ‘मनकामेश्वर’ मंदिर शहर के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक माना जाता है यहां भगवान शिव का लिंग प्रतिस्थापित है। मंदिर में शिवरात्रि और सावन के महीने में रुद्राभिषेक, महाभिषेक, महामृत्युंजय जाप कराने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं।

फोटो क्रेडिट : आशुतोष त्रिपाठी

ऐसे में सावन का महीना शुरू हो चुका है और आज सावन का पहला दिन हैं इसी के चलते आज सुबह करीब 5 बजे मनकामेश्वर मंदिर में भव्य आरती का आयोजन किया गया जिसमें शामिल होने के लिए श्रद्धालु 3 बजे से ही कतार में लगे नजर आये

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ऐसे हुआ था मंदिर का निर्माण

ऐसा प्रमाण मिलता है कि माता सीता को वनवास छोडऩे के बाद लखनपुर के राजा लक्ष्मण ने यहीं रूककर भगवान शंकर की अराधना की थी, जिसके बाद कालांतर में मनकामेश्वर मंदिर की स्थापना कर दी गई।

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राजा हिरण्यधनु ने कराया था निर्माण

ऐसा कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण राजा हिरण्यधनु ने अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के बाद किया था। मंदिर के शिखर पर सुसज्जित 23 स्वर्णकलश उसकी शोभा को बढ़ाते हैं।

फोटो क्रेडिट : आशुतोष त्रिपाठी

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कहा जाता है कि दक्षिण के शिव भक्तों और पूर्व के तारकेश्वर मंदिर के उपासक साहनियों ने मध्यकाल तक इस मंदिर के मूल स्वरूप को बनाए रखा था। मौजूदा समय में मंदिर का भव्य निर्माण सेठ पूरन शाह ने कराया है।

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मंदिर में काले रंग का शिवलिंग है और उसपर चांदी का छत्र विराजमान होने के साथ मंदिर के पूरे फर्श में चांदी के सिक्के लगे होने से यह मंदिर मनोहारी लगता है।

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