मथुरा: जवाहर बाग कांड का मास्टरमाइंड रामवृक्ष यादव की लोकतंत्र सेनानी पेंशन पर रोक लग सकती है। गाजीपुर के डीएम ने कहा है कि अगर कोई लोकतंत्र सेनानी किसी राजद्रोह में लिप्त पाया जाता है तो उसकी पेंशन रोके या निरस्त किए जाने का प्रावधान है। रामवृक्ष 1975 में इमरजेन्सी के दौरान जेल जाने के कारण मीसा बन्दी कहलाने लगा था और समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद लोकतंत्र सेनानी का सम्मान राशि(पेंशन) पाने लगा।
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क्या कहा गाजीपुर डीएम ने
-गाजीपुर संजय खत्री ने उसके पेंशन पर बोलते हुए कहा कि रामवृक्ष यादव पुत्र भोला यादव को लोकतंत्र सेनानी का सम्मान मिलता है।
-यदि लोकतंत्र सेनानी किसी राजद्रोह या अपराध मे लिप्त पाया जाता है तो सम्मान राशि रोकने या निरस्त किये जाने का प्रावधान है।
-उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए कागज मंगा लिए गए हैं कागज मिलते ही कार्रवाई होगी।
कौन है रामवृक्ष यादव
-रामवृक्ष गाजीपुर के मरदह ब्लॉक के रायपुर ‘बाघपुर’ गांव का रहने वाला है।
-इमरजेंसी के दौरान 1975 में जेल में बंद भी रहा।
-रामवृक्ष यादव को मीसा (लोकतंत्र रक्षक सेनानी ) के बंदी होने के चलते सपा सरकार 15000 रुपए महीना पेंशन देती है।
-वह दो वर्ष पहले अपने परिवार को गाजीपुर से मथुरा लेकर चला गया था।
-हाई स्कूल और इंटर पी.एन. इंटर काॅलेज मरदह गाजीपुर , ग्रेजुएसन डी.सी.एस.के. पी.जी. कालेज मऊ से।
-रामवृ्क्ष यादव 1984 में निर्दलीय लोकसभा का चुनाव लड़ा और हार गया उसे 3234 वोट मिले।
-दूरदर्शी पार्टी से गाजीपुर के जहूराबाद से विधान सभा का चुनाव लड़ा और हार गया।
-बाद में ख़ुद का राजनैतिक संगठन बना लिया जिसका नाम था “स्वाधीन भारत”