GST: छोटे कारोबारियों, उपभोक्ताओं को बड़ी राहत, हर महीने रिटर्न भरने से छूट
नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की शुक्रवार (06 अक्टूबर) को 22वीं बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की। बैठक में छोटे व्यापारियों को कई तरह की राहत दी गई है। इसके तहत अब उन्हें हर महीने रिटर्न भरने से छूट देने का फैसला लिया गया है।
गौरतलब है, कि जीएसटी लागू होने के बाद से मोदी सरकार लगातार आलोचना का शिकार होती रही है। इसमें वो विपक्ष के साथ-साथ अपनों के निशाने पर भी रही है। इन छूटों से छोटे कारोबारियों, निर्यातकों और उपभोक्ताओं की दिवाली रंगीन होने वाली है। बैठक के बाद जेटली ने कहा, कि 'कुछ तकनीकी समस्याएं हैं जो धीरे-धीरे समाप्त हो जाएंगी। बोले, 'एक अप्रैल 2018 तक सभी एक्सपोर्टर्स का ई वॉलिट बनाया जाएगा।'
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थोड़ा समय लगेगा, लेकिन..
वित्त मंत्री जेटली ने कहा, कि 'जीएसटी परिषद में निर्यातकों की समस्या पर विचार हुआ। जीएसटी लगने की वजह से निर्यातकों का क्रेडिट काफी ब्लॉक हो रखा है, जिसका असर उनकी कैश लिक्विडिटी पर पड़ा है।' अरुण जेटली ने कहा, कि 'इसका डेटा तो उपलब्ध है लेकिन तुरंत री-पेमेंट व्यवस्था धीरे-धीरे बन रही है। उसमें थोड़ा समय लगेगा। ऐसे में तय हुआ है कि 10 अक्टूबर से जुलाई का और 18 अक्टूबर से अगस्त का रिफंड प्रोसेस करके निर्यातकों को चेक से भुगतान कर दिया जाएगा। यह केवल अंतरिम व्यवस्था होगी।'
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छोटे कारोबारियों को बड़ा मुनाफा
काउंसिल की इस बैठक से छोटे कारोबारियों को बड़ा फायदा मिला है। काउंसिल ने कंपोजीशन स्कीम का फायदा लेने की सीमा को बढ़ाकर 01 करोड़ रुपए कर दिया है। पहले यह सीमा 75 लाख रुपए प्रस्तावित थी। बता दें, कि इस स्कीम के तहत टैक्स रेट कम है। इस स्कीम के तहत कारोबारियों को सिर्फ दो फीसद का टैक्स चुकाना होता है।
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इन्हें होगी राहत
जीएसटी के तहत इस स्कीम में तीन प्रकार के लोग आते हैं। पहला व्यापारी वर्ग जो एक फीसदी टैक्स देंगे, दूसरा उत्पादक वर्ग, जो दो फीसदी टैक्स देंगे और तीसरा रेस्तरां बिजनेस वाले, जिन्हें 5 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा। अब दायरा बढ़ जाने से तीनों तरह के कारोबारियों को राहत मिलेगी। सर्विसेज को इस स्कीम में शामिल नहीं किया गया है।
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अब 3 महीने पर भरेंगे रिटर्न
वित्त मंत्री जेटली ने कहा, कि जीएसटी के तहत अब तक के टैक्स कलेक्शन से पता चला है कि बड़ा हिस्सा बड़े कारोबारियों से आ रहा है। हालांकि, जीएसटी सिस्टम में मंझोले और छोटे कारोबारियों की संख्या भी काफी है। ऐसे में उन्हें जीएसटी की जटिलताओं से परेशान होना पड़ रहा है। उन्हें राहत देते हुए डेढ़ करोड़ तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को भी तीन महीने पर रिटर्न दाखिल करने की छूट देने का फैसला हुआ है।' जेटली बोले, इससे करीब 90 फीसदी टैक्स दाताओं को राहत मिलेगी।'
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रिवर्स चार्ज पर भी मिल सकती है राहत
जीएसटी काउंसिल रिवर्स चार्ज पर भी राहत देने के मूड में नजर आ रही है। माना जा रहा है का काउंसिल अगली बैठक में इस पर कोई अहम फैसला ले सकती है। रिवर्स चार्ज को आप इस तरह समझ सकते हैं कि जब आप किसी अन अधिकृत डीलर से माल खरीदते हैं तो आपको टैक्स भरना होगा और फिर उस पर पे किए गए अतिक्त टैक्स के लिए क्लेम करना होगा।