नई दिल्ली: रियो ओलंपिक शुरू होने से पहले भारतीय दल को करारा झटका लगा है। पहलवान नरसिंह यादव नाडा के डोप टेस्ट में नाकाम साबित हुए। इससे अब रियो ओलंपिक में उनकी भागीदारी खतरे में पड़ गई है। राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने इसकी पुष्टि की है।
गौरतलब है कि नरसिंह यादव 74 किलो फ्री-स्टाइल वर्ग में आते हैं। नवीन अग्रवाल ने बताया कि उनके बी नमूने में भी प्रतिबंधित स्टेरायड के अंश पाए गए हैं। वह शनिवार को नाडा की अनुशासन पैनल के सामने पेश हुए थे।
सबने साधी चुप्पी, नरसिंह का इंकार
हालांकि इस मुद्दे पर भारतीय ओलंपिक संघ, खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण, भारतीय कुश्ती महासंघ सहित सभी अधिकारियों ने इस संवेदनशील मामले पर चुप्पी साध ली है। दूसरी तरफ, नरसिंह ने खुद इससे साफ इंकार किया है।
जॉर्जिया जाने वाले दल से हुए बाहर
सूत्रों के मुताबिक पांच जुलाई को नरसिंह का डोप टेस्ट हुआ था। इसमें वह फेल हो गए। इसी वजह से सोमवार को जॉर्जिया जा रहे भारतीय पहलवानों के दल से भी उनका नाम हटा दिया गया है। अब वह जॉर्जिया नहीं जा रहे हैं। ओलंपिक से पहले भारतीय पुरुष पहलवानों के दल को यहां रियो ओलंपिक के लिए तैयारी करनी थी।
ओलंपिक जाने पर संशय
इस संबंध में नाडा डीजी ने कहा, नरसिंह प्रतिबंधित स्टेरायड के सेवन का दोषी पाया गया है। उसका बी नमूना भी पॉजीटिव निकला। उन्होंने बताया ,‘नरसिंह अनुशासन पैनल के सामने पेश हुआ था। पैनल ने इस मसले पर और रिपोर्ट मांगी है। मुझे उम्मीद है कि पैनल जल्दी कार्रवाई करेगी।' नरसिंह के रियो ओलंपिक नहीं खेल पाने के सवाल पर अग्रवाल ने कहा, ‘अभी कुछ कहना कठिन है। मैं अभी कोई कयास नहीं लगा सकता।’
रियो के लिए चयन भी था विवादित
रियो ओलंपिक के लिए नरसिंह का चयन भी विवादित हालातों में हुआ था। क्योंकि ओलंपिक पदक विजेता सुशील ने 74 किलो वर्ग में दावेदारी ठोकी थी। नरसिंह ने विश्व चैम्पियनशिप के जरिए कोटा हासिल किया था तो उसे तरजीह दी गई। यह मामला कोर्ट तक गया था।