असहिष्णुता ने विदेशों में बिगाड़ी इंडिया की छवि, है चिंता का विषय: राहुल गांधी
न्यूयॉर्क: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में असहिष्णुता की बढ़ती घटनाओं को लेकर अमेरिका में भी चिंता बढ़ रही है। राहुल ने प्रवासी भारतीयों से देश को बांटने वाली ताकतों के खिलाफ खड़े होने को कहा।
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राहुल ने बुधवार को इंडियन नेशनल ओवरसीज कांग्रेस (आईएनओसी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि उन्होंने अमेरिका के अपने मौजूदा दौरे के दौरान प्रशासन के लोगों और रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियों के सदस्यों से मुलाकात की, जिन्होंने मुझसे पूछा, "भारत में सदियों से कायम सहिष्णुता का क्या हुआ? सौहार्द का क्या हुआ?"
राहुल ने कहा, "देश की विभाजनकारी राजनीति भारत की छवि को विदेशों में धूमिल कर रही है और विदेशों में रह रहे प्रवासियों को भारत को बांटने वाली शक्तियों के खिलाफ खड़े होना चाहिए।"
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राहुल ने कहा, "दुनियाभर में लोक लुभावनवाद असहिष्णुता चरम पर है और विश्व चिंतन में है कि क्या भारत के पास शांति बहाली के उपाय हैं।"
टाइम्स स्क्वायर के एक होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में लगभग 2,000 लोगों ने हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम विदेशों में रह रहे भारतीयों में पार्टी की छवि को उबारने के प्रयास का हिस्सा है।
कांग्रेस की तुलना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रवासी समुदाय में अच्छी पैठ है, लेकिन शिक्षण क्षेत्र और मीडिया में कांग्रेस समर्थक अधिक मुखर हैं।
राहुल ने अपने भाषण में कांग्रेस को प्रवासी भारतीयों की पार्टी बताया। उन्होंने कई नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों का उल्लेख किया, जो देश का नेतृत्व करने के लिए विदेशों से स्वदेश लौटे थे।
राहुल ने कहा कि प्रवासी भारतीय, जहां बसे हैं, उसी स्थान से या फिर स्वदेश लौटकर देश के विकास में योगदान दे सकते हैं।
उन्होंने वर्गीज कुरियन का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने आजादी के बाद भारत लौटकर देश में श्वेत क्रांति की शुरुआत की, जिससे देश में डेयरी उद्योग फला-फूला।
राहुल ने कहा, "भारत में प्रतिदिन रोजगार की तलाश में बाजार में आने वाले 30,000 युवाओं को रोजगार देना चुनौती है लेकिन इनमें से सिर्फ 450 को ही रोजगार मिल पाता है।"
उन्होंने कहा कि वर्तमान में आर्थिक विकास के लिए सिर्फ 50 से 60 बड़ी कंपनियों पर ही ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, इससे समस्या का समाधान नहीं होने वाला। छोटे और मझोले उद्यमों को प्रोत्साहित करने से काफी लाभ होगा।
उन्होंने कहा, "कृषि और खाद्य क्षेत्र में करोड़ों रोजगारों का सृजन हो सकता है।"
राहुल ने कहा कि उनकी पार्टी का विजन देश में परिवर्तन लाना और युवाओं के लिए रोजगारों का सृजन करना है।
राहुल गांधी ने अपने दिवंगत पिता राजीव गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सलाहकार रहे सैम पित्रोदा की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह एक ऐसे प्रवासी भारतीय थे, जिन्होंने दूरसंचार क्षेत्र में अपने अनुकरणीय योगदान से भारत में बदलाव लाने में मदद की।
-आईएएनएस