लखनऊ: समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह ने गुरुवार को पार्टी कार्यालय में महागठबंधन पर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा, ''2017 चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी किसी से गठबंधन नहीं करेगी। उत्तर प्रदेश में सपा अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी। अपने समधी लालू यादव या नीतिश कुमार किसी से कोई गठबंधन नहीं होगा। साथ आना है तो उन्हें अपनी पार्टियों का सपा में विलय करना पड़ेगा।''
अखिलेश ने दिया था गठबंधन का इशारा
सीएम अखिलेश यादव ने बीते सोमवार को कांग्रेस के साथ गठबंधन के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी गठबंधन करना चाहे तो साथ आने से उन्हें कोई कैसे रोक सकता है। हालांकि गठबंधन पर आखिरी फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव का ही होगा। इसके बाद बुधवार को एक निजी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में भी सीएम अखिलेश ने कहा था कि अगर गठबंधन होता है तो सपा को 300 सीटें मिलेंगी। गठबंधन नहीं हुआ तो भी समाजवादी पार्टी अकेले सरकार बनाने में सक्षम हैं।
रजती जयंती पर महागठबंधन ने पकड़ा था जोर
5 नवंबर को समाजवादी पार्टी के रजत जयंती समारोह में बिखरे समाजवादी परिवार एक हुए थे। समारोह में जनतादल यू, जनतादल एस, राष्ट्रीय लोकदल, राष्ट्रीय जनतादल और इंडियन नेशनल लोकदल के नेता शामिल हुए थे। नीतिश को छोड़कर मुलायम के समधी लालू यादव, अजित सिंह, देवगौ़ड़ा और शरद यादव इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे, तब यह कयास लगाए जा रहे थे कि सपा सुप्रीमो महागठबंधन को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
पीके ने की थी मुलायम से मुलाकात
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने दिल्ली में जदयू के सांसद केसी त्यागी के आवास पर कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी। यह मुलाकात सपा महासचिव अमर सिंह ने कराई थी। शिवपाल केसी त्यागी को रजत जयंती समारोह का न्योता देने गए थे। इसके बाद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह भी अपने आवास पर पीके से कुछ देर के लिए मिले थे, जिसके बाद कांग्रेस से गठबंधन की बातों ने जोर पकड़ा था। हालांकि कांग्रेस के यूपी प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने इसे पीके की मुलायम से निजी मुलाकात बात बताई थी। इसके कुछ दिन बाद मुलायम के कहने पर सीएम अखिलेश ने भी अपने आवास पर प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी।