इंतजार और सही ! दंगों के 1531 अभियुक्‍तों में 581 गिरफ्तार, 800 से ज्‍यादा फरार

Update: 2017-04-09 11:03 GMT

लखनऊ : आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ है कि पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर और उसके आसपास के जिलों में हुए दंगों में लूट, आगजनी और रेप के 567 मामले दर्ज हुए थे, जाँच के बाद 1531 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप सिद्ध हुए, इनमें से 581 अभियुक्त गिरफ्तार हुए, 130 ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया जबकि लगभग 800 अभियुक्तों की गिरफ़्तारी अभी तक नहीं हुई है।

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक दंगों में चल संपत्ति नुकसान के 546 मामलों में 542 मामलों में 2.14 करोड़ का भुगतान हुआ और अचल संपत्ति की हानि के 63 मामलों में 64.12 लाख पीड़ितों को दिए गए।

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आरटीआई से मिली जानकारी में कहा गया कि मुजफ्फरनगर, शामली और अन्य इलाकों में साम्प्रदायिक दंगों के दौरान लूट, आगजनी, बलात्कार के 567 मामले दर्ज किये गए। 567 में से मुजफ्फरनगर में ही 534 मामले दर्ज हुए, शामली में 27 और बागपत, मेरठ सहित सहारनपुर में 2-2 मामले दर्ज हुए।

यहाँ ये जानलेना आवश्यक है कि एक ही अपराध के लिए कई मामले दर्ज हुए थे, इन मामलों की कुल संख्या रही 510। कुल 6406 अभियुक्त के नाम सामने आए। जाँच में इनमें से 2791 के खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं हुए तो 12 की मौत हो गई।

1531 अभियुक्तों के विरूद्ध आरोप सिद्ध हुए। 581 की गिरफ्तारी हुई और 130 ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। 852 के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुए 607 के खिलाफ धारा 82 के तहत कार्यवाही की गई।

2016 के अंत तक दंगों से जुड़े मामलों में 802 अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका। 150 के विरूद्ध कुर्की की कार्यवाही की गई। 453 अभियुक्तों के विरूद्ध कोर्ट में आरोपपत्र दायर हुए। जबकि 175 अभियुक्तों के विरूद्ध अंतिम रिपोर्ट पेश की गई है।

आपको बता दें 27 अगस्त 2013 को मुज़फ़्फ़रनगर जिले के कवाल गाँव में जाट -मुस्लिम हिंसा के साथ यह दंगा शुरू हुआ था।

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