वाराणसीः शनिवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्यमंत्री नजमा हेपतुल्ला बीएचयू पहुंची। उन्होंने यहां उस्ताद वेबसाइट लॉन्च की। हेपतुल्ला ने कहा कि गुजरात की पतंग दुनिया के आसमान में उड़ सकती है तो काशी की हैंडीक्रॉफ्ट को दुनिया के बाजार में जगह क्यों नहीं मिल सकती।
उन्होंने कहा कि उनका और पीएम मोदी का सपना है कि काशी कास्ट कला, हैंडीक्रॉफ्ट, बुनकरी, जरदोजी और मीनाकारी के काम को विश्व के बाजार तक पहुंचाया जाए ताकि इसका फायदा गरीब हुनरमंद को ज्यादा से ज्यादा मिल सके।
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और क्या कहा नजमा ने?
-बीएचयू के इंस्टीट्यूट आफ साइंसेज के सेमिनार में डिजाइन विकास पर चर्चा किया।
-उस्ताद (अप्रग्रेडेशन स्कील एंड ट्रेनिंग इन ट्रेडिशनल आर्ट एंड क्राफ्ट फार डेवलपमेंट) वेबसाइट लॉन्च की।
-इस अवसर पर मसहूर डिजाइनर रीतू बेरी भी मौजूद थी।
-रीतू भी काशी के हैंडीक्रॉफ्ट को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए काम करेंगी।
-गुजरात में पांच हजार करोड़ पतंग का धंधा होता है।
-गुजराती पतंगे दुनिया के आसमान में उड़ रही हैं।
-फैशन सो के माध्यम से ट्रेडिशनल डिजाइनों को मॉर्डन करके बुनकरों को जोड़ा जा रहा है।
-इससे उनको आर्थिक लाभ मिल सके।
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किताबी ज्ञान के साथ स्कूलों में हुनर सिखाने की है योजना
-स्कूलों में किताबी ज्ञान के साथ हुनर का भी पाठ्यक्रम चलाए जाने की योजना है।
-छोटे बच्चो से बुनकरी कराना चाइल्ड लेबर है। ऐसा करना बच्चों के साथ अन्याय है।
-देश में ऐसा स्कूल हो जहां किताबी ज्ञान के साथ ही एक विषय हुनर सिखाने का भी होना चाहिए।
-हमारी सरकार प्रयास कर रही है कि स्कूलों में एक क्लास हुनर का चलाया जाए।
-इससे हमारे पारंपरिक हुनर संरक्षित हो सके।
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खत्म हो जाएगी विरासत
-काशी में आकर उन्हें पारंपरिक लकड़ी के खिलौने बनाने वाले महज तीन से चार कारीगर मिले।
-मीनाकारी की मांग बाजार में कम हो रही है। पारंपरिक हुनरमंद अब धीरे धीरे खत्म हो रहे है।
-ऐसे हुनर को संजोने की जरूरत है क्योंकि भारत का विकास करना है।
-हमें हमारी पारंपरिक हुनर को संरक्षित करना होगा, वरना हमारी विरासत खत्म हो जाएगी।