लखनऊ: यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले जिंदा 'मृतक' लाल बिहारी की जीवनी पर बनने वाली फिल्म का लोकेशन तय करने के लिए निर्माता-निर्देशक सतीश कौशिक अगले सप्ताह लखनऊ आएंगे। सतीश सोमवार को आने वाले थे लेकिन बेटी की बीमारी के कारण अब नहीं आ रहे हैं।
सतीश कौशिक ने रविवार को newztrack से कहा कि उनका सोमवार को फिल्म की लोकेशन तय करने लखनऊ आना तय था। वह चाहते हैं कि गांव का लोकेशन लखनऊ के आसपास ही कहीं रहे।
और क्या कहा सतीश कौशिक ने
-फिल्म के प्रोजेक्ट में वैसे भी काफी देर हो चुकी है।
-वह इसे सात-आठ साल पहले ही बनाना चाहते थे किसी कारणवश देर होती गई।
-यह गंभीर और डार्क कॉमेडी होगी।
-फिल्म के कलाकारों का चयन अभी नहीं हुआ है।
कौन है 'मृतक' लाल बिहारी
-ये ऐसे युवक की कहानी है जिसे जिंदा होते हुए सरकारी रिकार्ड में मृत धोषित कर दिया जाता है।
-वो खुद को जिंदा साबित करने के लिए 14 साल की कानूनी लड़ाई लड़ता है।
-अदालत में होने वाली सुनवाई में उसे पुकारा जाता था 'लाल बिहारी मृतक' हाजिर हो।
-युवक इसके लिए इलाहाबाद में दिवंगत विश्वनाथ प्रताप सिंह और अमेठी में राजीव गांधी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ता है।
-सरकार का ध्यान इस ओर दिलाने के लिय वो यूपी विधानसभा में पर्चे फेंकता है जिसके लिए उसे सजा भी मिलती है।
-इस बात पर भी वो अदालत जाता है और कहता है जब वो मृतक है तो उसे सजा कैसे दी जा सकती है।
कानूनी लड़ाई जीतने के बाद वो ऐसे लोगों को जिंदा कराने के लिए संगठन बनाता है जो सरकारी रिकार्ड में मृत घोषित कर दिए गए हैं। उसके जिंदा होने के बाद मीडिया में काफी सुख्रियां मिलती है। लाल बिहारी के दावे के अनुसार वो अब तक दो हजार से ज्यादा लोगों को जिंदा साबित करा चुका है जो सरकारी रिकार्ड में मृत घोषित कर दिए गए थे। इसमें चार पुलिस वाले भी हैं।