RSS से जुड़े संगठन ने की HRD से मांग, कहा- अंग्रेजी हटाकर हिंदी में कराओ पढ़ाई

Update: 2016-10-21 00:14 GMT

नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास (एसएसयूएन) ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) से शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की मांग की है। एसएसयूएन ने मंत्रालय को नई शिक्षा नीति को लेकर चिट्ठी लिखी है। संगठन ने लिखा है कि स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक अंग्रेजी या विदेशी भाषा में पढ़ाई नहीं होनी चाहिए। इसकी जगह छात्रों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाई करानी चाहिए। साथ ही सभी रिसर्च राष्ट्रीय जरूरत के हिसाब से होने चाहिए। जो प्रोजेक्ट इससे अलग हों, उन्हें यूजीसी की स्कॉलरशिप भी नहीं देनी चाहिए।

मंत्री से मिले संगठन के नेता

बताया जा रहा है कि आरएसएस से जुड़े संगठन के नेता पहले ही इन मांगों को लेकर एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात कर चुके हैं। 14 अक्टूबर को एचआरडी की ओर से एसएसयूएन को भेजे ई-मेल में कहा गया है, "आपके भेजे सुझावों को देखा गया। नई शिक्षा नीति के लिए चर्चा में इन्हें भी शामिल किया जाएगा।"

क्या हैं संगठन की मांगें?

संगठन ने मांग की है कि शिक्षा में भारतीय भाषाओं को प्रधान रखा जाए और निजी और सरकारी स्कूल-कॉलेजों से धीरे-धीरे अंग्रेजी खत्म कर दी जाए। एसएसयूएन ने सरकार से ये मांग भी की है कि आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी में तत्काल प्रभाव से भारतीय भाषाओं की पढ़ाई शुरू हो। साथ ही जो स्कूल बच्चों को अपनी मातृभाषा बोलने से रोकें, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

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