9/11 हमलों में सऊदी अरब पर केस कर सकेंगे पीड़ित अमेरिकी, ओबामा का वीटो रद्द
वॉशिंगटनः 9/11 हमलों के मामले में अमेरिकी नागरिक अब सऊदी अरब के शाही परिवार के सदस्यों के खिलाफ केस चला सकेंगे। अमेरिकी कांग्रेस ने बुधवार को बहुमत से राष्ट्रपति बराक ओबामा के संबंधित बिल पर वीटो को रद्द कर दिया है। इस बिल में प्रावधान है कि 9/11 हमले के पीड़ित परिवार हर्जाने के लिए सऊदी अरब पर केस कर सकेंगे। अमेरिकी कांग्रेस और सीनेट ने पहले ही इसे पास कर दिया था।
पहली बार वीटो किया रद्द
बराक ओबामा के दोनों कार्यकाल में ये पहला मौका है, जब अमेरिकी कांग्रेस ने उनके किसी वीटो को रद्द किया है। कांग्रेस ने वीटो को 348-76 के बड़े अंतर से रद्द किया। सीनेट ने पहले ही इसे 97-1 के बहुमत से रद्द कर दिया था। वीटो के खिलाफ हुई वोटिंग को ओबामा और अमेरिका के पुरानी सहयोगी सऊदी अरब के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
बता दें कि इससे पहले ओबामा ने 11 बार वीटो दिया था और कभी भी उनके वीटो को रिजेक्ट नहीं किया गया, लेकिन इस बार उनके हर बड़े सहयोगी ने उन्हीं के वीटो के खिलाफ वोटिंग की।
ओबामा ने क्यों किया था वीटो?
अमेरिकी राष्ट्रपति का मानना था कि इस कानून से कई अमेरिकी कंपनियों और अफसरों के लिए मुश्किल खड़ी होगी। साथ ही जब दुनियाभर में अस्थिरता का माहौल है तो कूटनीतिक दिक्कतें भी आएंगी। उन्होंने सीनेट के अल्पसंख्यक नेता हैरी रीड को निजी तौर पर एक पत्र भी लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस कानून (जेएएसटीए) को अमल में लाना अमेरिका के हित में नहीं होगा। हैरी एकमात्र सीनेटर थे, जिन्होंने ओबामा के वीटो के पक्ष में वोट दिया था।
क्यों पास हुआ था बिल?
ये बिल इस वजह से पास किया गया था, क्योंकि 9/11 हमलों के बाद गिरफ्तार कर गुआंतनामो बे जेल में रखे गए कई आतंकियों ने बताया था कि अमेरिका में हुए सबसे भीषण हमले में सऊदी अरब के शाही परिवार के कुछ सदस्यों का भी हाथ था। वहीं, सऊदी अरब ने ओबामा प्रशासन को चेतावनी दी थी कि ये बिल पास नहीं होना चाहिए, वरना दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है। इसी वजह से ओबामा ने बिल को वीटो किया था।