वाराणसीः काशी के कल्चर पर दिये गए बयान से बॉलीवुड फिल्मों के मशहूर डाइरेक्टर अनुराग कश्यप से काशीवासी बेहद नाराज और आक्रोशित हैं। बता दें कि, अनुराग कश्यप ने काशी शहर के बारे में कहा था कि ‘इस शहर में न कोई कल्चर है और न पैर रखने को जमीन’।
अनुराग के इस बयान पर काशी के बुद्धिजीवियों ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
मोहल्ला अस्सी के लेखक बयान से हैं हैरान
-उपन्यास मोहल्ला अस्सी के लेखक काशी नाथ सिंह अनुराग कश्यप के बयान से हैरान हैं।
-काशीनाथ सिंह ने बुधवार को newstrack.com से बातचीत की।
-उन्होने बताया कि कोई भी संवेदनशील आदमी ऐसी बात नहीं कह सकता।
-उनकी जानकारी के अनुसार अनुराग कश्यप काशी के ही हैं।
-वह कैसे ऐसी बात कह गए, इसे सुनकर हैरानी होती है।
-उन्होंनें कहा तबला वादक किशन महाराज, शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान जैसे कई नाम हैं, जिन्होंनें काशी का नाम पूरी दुनियां में रोशन किया है।
-काशीनाथ सिंह ने कहा कि अगर कोई पूरा भारत ना भी घूमे और सिर्फ काशी आए तो उसे पूरे देश का कल्चर यहीं मिल जाएगा।
-यहां बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश, नेपाल समेत अन्य राज्यों की बोली बोलने वालों के अलग मोहल्ले हैं।
-उनका अलग-अलग खानपान है।
-ऐसा देश में अन्य किसी शहर में दिखाई नहीं देता।
-अकेले काशी ही ऐसी नगरी है जो हजारों साल का इतिहास और कल्चर समेटे है।
-यहां कल्चर नहीं ये बात तो कोई नादान भी नहीं कह सकता है।
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काशी के कवि ने अनुराग को बताया अज्ञानी
-काशी के प्रसिद्ध कवि सुदामा तिवारी (साड़ बनारसी) ने अनुराग कश्यप को अज्ञानी कहा।
-उन्होने कहा कि काशी में उनके जैसे सैकड़ों निर्माता आए और चले गए।
-कोई दो-चार फिल्म बनाने से किसी को ज्ञान नहीं आता है।
-उन्होंने अनुराग को पढ़ने का सुझाव दिया।
-कवि सुदामा ने कहा कि अनुराग को काशी की संस्कृति और इतिहास को जानने के लिए दूसरा जन्म लेना पड़ेगा।
अनुराग को कहा सबसे बड़ा मूर्ख
-वरिष्ठ वकील और लेखक धर्मशील चतुर्वेदी अनुराग कश्यप के बयान से नाराज हैं।
-उन्होने कहा कि अनुराग कश्यप की निगाह में दो-चार नाच गाने वाली फिल्में बना लेना ही संस्कृति होगा।
-उन्होंने कहा कि अनुराग कश्यप ने अपने बयान में कहा था कि वह चाय काफी बेचते थे।
-इस पर धर्मशील चतुर्वेदी ने कहा कि चाय काफी बेचने वाले को संस्कृति का ज्ञान कहां से होगा।
-इस शहर में बौद्ध संस्कृति है, और यहीं पर बुद्ध ने पहला उपदेश दिया था।
-ऐसे शहर के बारे में अगर कोई कहता है कि यहां कोई संस्कृति नहीं है, तो वह सबसे बड़ा मूर्ख है।
अनुराग कश्यप को बताया मूक-बधिर
-वरिष्ठ साहित्याकार डा.नीरजा माधव ने कहा कि काशी की संस्कृति को समझने का संस्कार अनुराग कश्यप में विकसित नहीं हुआ है।
-वरना इस तरह की बाते उनके मन में नही उठती।
-उन्होने कहा कि दुनिया की कोई ऐसी संस्कृति नहीं है जो काशी की संस्कृति से टक्कर ले सके।
-अब किसी मूकबधिर को यहां कि संस्कृति दिखाई और सुनायी न दे तो क्या कर सकते है।