Holi Special: इस गांव के लोग मानते हैं होलिका को अपनी बेटी, नारियल भेंट कर मांगी जाती हैं मन्नतें, सदियों से चली आ रही परंपरा

यहां के लोग होलिका को अपनी गांव की बेटी मानते हैं। होलिका को सम्मानित करने के लिए नारियल (श्रीफल) चढ़ाए जाते हैं। मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति होलिका को नारियल अर्पित करके मन्नत मांगता है, तो उसकी मन्नत जरूर पूरी होती है। गांव में एक धूणी भी जलती रहती है, जो लगातार सुलगती रहती है।;

Update:2025-03-13 17:00 IST

Holi 2025: होली और होलिका दहन भारत में विभिन्न परंपराओं और मान्यताओं के साथ मनाए जाते हैं, और इनका हर स्थान पर विशेष महत्व है। होलिका दहन की परंपराएं देशभर में अलग-अलग रूपों में मनाई जाती हैं। जहां एक ओर होली के रंगों से हर घर और हर व्यक्ति में खुशी का माहौल बनता है, वहीं दूसरी ओर विभिन्न स्थानों पर होलिका दहन की भी विशेष परंपराएं हैं।

राजस्थान के सलूंबर जिले के सेमारी कस्बे के करकेला धाम में नारियल वाली होली की परंपरा खास आकर्षण का केंद्र रही है। यह धार्मिक स्थल आदिवासियों के लिए एक पवित्र स्थान माना जाता है, जहां लोग अपनी मान्यताओं के अनुसार होलिका को अपनी बेटी के रूप में देख कर नारियल चढ़ाते हैं और होलिका दहन करते हैं। यहां के आदिवासी समुदाय के लोग इसे अपनी आस्था और विश्वास का प्रतीक मानते हैं।

करकेला धाम में होलिका दहन का यह क्रम अन्य स्थानों से अलग है। यहां सबसे पहले होलिका जलाने की परंपरा है। धाम की पहाड़ी से होलिका की लपटें दूर-दूर तक दिखाई देती हैं, जो आसपास के इलाकों के लिए संकेत होती हैं कि अब वहां भी होलिका जलाने की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। इस परंपरा के अनुसार, होलिका दहन सबसे पहले करकेला धाम में ही होना चाहिए, इसके बाद आस-पास के क्षेत्रों में यह क्रम चलता है।

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