VIDEO: मथुरा में गोलीबारी-आगजनी, SP-SHO शहीद, 22 कब्जाधारी भी मरे

Update:2016-06-02 19:56 IST

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जवाहर बाग में आगजनी (बाएं), शहीद एसएचओ संतोष यादव (दाएं) इनसेट में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की फाइल फोटो

मथुरा : जवाहर बाग की 250 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा किए लोगों को हटाने के लिए गुरुवार को पहुंची पुलिस पर लोगों ने जमकर फायरिंग की, देशी बम फेंके और आगजनी की। फरह थाने के एसएचओ संतोष यादव तो आगरा ले जाते वक्त शहीद हो गए। एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी भी गोली लगने की वजह से देर रात शहीद हो गए। फायरिंग और बमबाजी में 22 कब्जाधारी भी मारे गए हैं। कई पुलिसकर्मियों के अलावा दर्जनों लोग घायल हैं। कई की हालत गंभीर बनी हुई है।

पोस्टमार्टम हाउस के बाहर शहीद एसपी के परिजनों ने हंगामा किया। उनका कहना है कि प्रशासन की नाकामी ने मुकुल की जिंदगी छीनी है। परिजन और आम लोग सीएम अखिलेश को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे हैं।

पुलिस ने 374 लोगों को हिरासत में लिया है। जवाहरबाग से हथियारों का जखीरा बरामद हुआ है। बड़ी संख्या में हथियाल जवाहरबाग में पहले से जमा कर लिए गए थे।

डीजीपी जावीद अहमद और एडीजी एलओ दलजीत सिंह मथुरा पहुंच चुके हैं। शासन भी इस पर नजर रखे हुए है।

डीजीपी ने क्या कहा...

मथुरा पहुंचे डीजीपी ने कहा दो पुलिसकर्मियों सहित 24 लोगों की मौत हुई है।47 कट्टे 6 राइफल और 178 जिंदा कारतूस बरामद किया गया है। हत्या, बलवा और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के जुर्म में 124 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। 196 लोग शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं इनमें 80 महिलाएं और 116 पुरुष शामिल हैं।23 पुलिसकर्मी जख्मी हैं। 15 गाड़ियां और 6 बाइक बरामद की गई है। रामवृक्ष यादव समेत पांच मुख्य आरोपियों पर डीजीपी ने गोलमोल जवाब दिया। उन्होंने कहा-अभी बपता नहीं कि रामवृक्ष जिंदा है या मारा गया। जिंदा है तो गिरफ्तार किया जाएगा।

रात करीब 10 बजे इलाके को कब्जाधारियों से खाली कराने में प्रशासन को सफलता मिली। सीएम अखिलेश यादव ने आगरा के मंडलायुक्त को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। सीएम के निर्देश के बाद लखनऊ से एडीजी (एलओ) दलजीत सिंह चौधरी भी मथुरा पहुंच गए हैं। आगरा जोन के आईजी और रेंज के डीआईजी समेत आला अफसर भी मथुरा में डेरा जमाए हुए हैं।

सांसद हेमा मालिनी ने किया ट्वीट

 

दो दिन दिया गया था नोटिस

घटनाक्रम के अनुसार दो दिन पहले प्रशासन ने जवाहर बाग में जमे कथित सत्याग्रहियों को अंतिम नोटिस देते हुए 24 घंटे में बाग को खाली करने की चेतावनी दी थी, लेकिन सत्याग्रही किसी भी कीमत पर यहां से जाने के लिए तैयार नहीं थे।

पुलिस को जवाहर बाग में घुसते देख बरसाईं गोलियां

कथित सत्याग्रहियों ने बुधवार को प्रशासन के सामने शक्ति प्रदर्शन कर यह जता दिया था कि वे जवाहर बाग खाली नहीं करेंगे। गुरुवार को पुलिस-प्रशासन के अफसर रिहर्सल के तौर पर भारी संख्या में फोर्स के साथ जवाहर बाग पहुंचे। कब्जा किए लोगों ने पुलिस-प्रशासन को जवाहर बाग में घुसते देखा तो फायरिंग शुरू कर दी।

एसएचओ और एसपी गोली लगने से शहीद

जब तक पुलिस और प्रशासन के अधिकारी कुछ समझ पाते तब तक एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी, सिटी मजिस्ट्रेट रामअरज यादव, एसओ सदर प्रदीप कुमार, एसएचओ फरह संतोष कुमार यादव को कब्जा किए लोगों की ओर से चलाई गई गोलियां लग गईं। इन सभी को तुरंत डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल लाया गया। फरह थाने के एसएचओ संतोष कुमार यादव की हालत गंभीर होने पर आगरा रेफर किया गया लेकिन रास्ते में ही वह शहीद हो गए। बाद में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी ने भी शहादत पाई।

चार-पांच घंटे के बाद स्थिति काबू में

एसपी सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट और एसओ सदर को नियति हॉस्पिटल में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। अप्रत्याशित हमले के बाद पुलिसबल ने भी जबावी कार्यवाही करते हुए सत्याग्रहियों पर गोलियां चलाईं, आंसूगैस और मिर्ची बम के गोले भी दागे। बावजूद इसके प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस पर देशी बमों का जमकर प्रयोग किया। लगभग पांच घंटे चले इस घटनाक्रम के बाद स्थिति पर काबू पा लिया गया और जवाहर भाग को पुलिस ने खाली करवा लिया।

यह भी पढ़ें ... मथुरा हिंसा: हरकत में CM, शहीद को 20 लाख मुआवजा- सख्त कार्रवाई को कहा

क्या कहना है एडीजी (एलओ) का

-एडीजी (एलओ) दलजीत सिंह चौधरी ने इस घटना के संबंध में कहा कि हालात को काबू में कर लिया गया है।

-सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

डीजीपी ने दी श्रद्धांजलि डीजीपी जावीद अहमद ने एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और फरह थाने के एसओ संतोष यादव के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने लिखा है कि दोनों अफसरों ने कर्तव्य के लिए शहादत दी है। डीजीपी ने दोनों को सैल्यूट करते हुए ट्वीट किया कि हम उनकी कुर्बानी को हमेशा याद रखेंगे।

आगे की स्लाइड्स में पढ़िए एलआईयू पर क्यों उठ रही उंगली और देखें घटनास्थल की और फोटोज और वीडियो ...

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दोषियों को बख्शेगी नहीं सरकार

एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी औरैया और फरह थाने के एसओ संतोष यादव जौनपुर के रहने वाले थे। दोनों अफसरों के निधन से पुलिस और प्रशासन के अफसर दुखी हैं। प्रशासन और एडीजी एलओ दलजीत चौधरी ने साफ कर दिया है कि किसी भी हालत में हिंसा करने वालों को सरकार बख्शने के मूड में नहीं हैं और अज्ञात लोगों के खिलाफ फायरिंग कर हत्या करने, हत्या की कोशिश और बवाल करने का मुकदमा दर्ज किया गया है।

एलआईयू पर भी उठी उंगली

गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ कर पता किया जा रहा है कि आखिर गोलीबारी किन लोगों ने की और देशी बम वगैरा किसने कब्जाधारियों को सप्लाई किए। इस पूरे मामले में एलआईयू की अधकचरी रिपोर्ट की कहानी भी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि एलआईयू वालों ने कई बार जवाहर बाग जाकर कब्जा करने वालों से बातचीत की थी, लेकिन उनके पास असलहे और बम होने की जानकारी एलआईयू के अफसर नहीं दे सके।

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देखें वीडियो ...

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