Bhagavad Gita Quotes in Hindi: श्री कृष्ण कहते हैं निंदा से घबरांकर अपने लक्ष्य को कभी न छोड़े
Bhagavad Gita Quotes in Hindi: आज हम आपके लिए श्रीमद भगवद गीता के कोट्स लेकर आये हैं जिनसे आप जीवन को जीने दिशा पा सकते हैं और आपको जीवन में क्या सही है और क्या गलत इसका रास्ता भी दिखाई देने लगेगा।
Bhagavad Gita Quotes in Hindi: हिन्दू धर्म में भगवद गीता का बेहद विशेष महत्त्व है यहाँ हम आज आपके लिए इसी ग्रन्थ से कुछ सबसे उपयोगी और व्यावहारिक उद्धरण लेकर आये हैं। जो आज भी मनुष्य के जीवन और रिश्तों पर सटीक रूप से लागू होते हैं और आपको गंभीरता से जीवन की बेहतर गुणवत्ता की राह पर ले जा सकते हैं। आइये एक नज़र डालते हैं श्रीमद भगवद गीता के इन कोट्स पर।
श्रीमद भगवद गीता कोट्स (Bhagavad Gita Quotes in Hindi)
आज हम आपके लिए श्रीमद भगवद गीता के कुछ प्रेरक विचार लेकर आये हैं जो आपके काफी काम आएंगे और जीवन को एक नई दिशा देंगें। महाभारत के युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण ने अर्जुन को क्या सही है और क्या गलत है, इसकी सलाह देते हुए भगवद गीता का उपदेश दिया था। आइये उन्ही विचारों में से कुछ विचारों को जान और समझ लेते हैं।
ज्ञानी पुरुष को चाहिए कि कर्मों में आसक्ति वाले अज्ञानियों की बुद्धि में भ्रम
अर्थात कर्मों में अश्रद्धा उत्पन्न न करे किंतु स्वयं परमात्मा के स्वरूप में स्थित हुआ,
और सब कर्मों को अच्छी प्रकार करता हुआ उनसे भी वैसे ही करावे ।
श्रेष्ठ पुरुष जैसा आचरण करते हैं,
सामान्य पुरुष भी वैसा ही आचरण करने लगते हैं,
श्रेष्ठ पुरुष जिस कर्म को करता है,
उसी को आदर्श मानकर लोग उसका अनुसरण करते हैं।
तू शास्त्रों में बताए गए अपने धर्म के अनुसार कर्म कर,
क्योंकि कर्म न करने की अपेक्षा कर्म करना श्रेष्ठ है,
तथा कर्म न करने से तेरा शरीर निर्वाह भी नहीं सिद्ध होगा।
कोई भी मनुष्य क्षण भर भी कर्म किए बिना नहीं रह सकता,
सभी प्राणी प्रकृति के अधीन हैं और प्रकृति अपने अनुसार,
हर प्राणी से कर्म करवाती है और उसके परिणाम भी देती है।
योगरहित पुरुष में निश्चय करने की बुद्धि नहीं होती
और उसके मन में भावना भी नहीं होती
ऐसे भावनारहित पुरुष को शांति नहीं मिलती।
हमेशा संदेह करने से खुंद का ही नुकसान होता है,
संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए
प्रसन्नता न ही इस लोक में है और न ही किसी और लोक में।
निंदा से घबरांकर अपने लक्ष्य को कभी न छोड़े,
क्योंकि लक्ष्य मिलते ही निंदा करने वालों की राय बदल जाती है।
जब इंसान अपने काम में आनंद खोज,
लेते हैं तब वे पूर्णता प्राप्त करते है।
अपने आपको ईश्वर के प्रति समर्पित कर दो यही सबसे बड़ा सहारा है,
जो कोई भी इस सहारे को पहचान गया है वह डर, चिंता और दुखों से आजाद रहता है।
व्यक्ति जो चाहे बन सकता है,
यदि विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिन्तन करे।