Curd And Mouth Odour: दही का रोजाना सेवन मुंह की बदबू को करता है दूर, अन्य भी हैं कारगर उपाय
Curd And Mouth Odour: मुंह से आती दुर्गन्ध से आपको शर्मिंदा होने की बजाए इसका इलाज करवाना चाहिए।
Curd And Mouth Odour: मुंह से आती दुर्गन्ध (Mouth Odour) के कारण अकसर लोगों को शंर्मिन्दा होना पड़ता है। कई बार धूम्रपान, मुंह का सूखापन, मसूड़ों की बीमारी, साइनस के कारण भी मुंह में बदबू की समस्या हो सकती है। बता दें कि इसका मुख्य कारण बैक्टीरिया हैं, जो दांतों के बीच पैदा होते हैं। इसलिए, नियमित रूप से दांत और जीभ की सफाई करना बेहद जरूरी होता है। कई बार पानी कम पीने की वजह से भी मुंह की बदबू की समस्या पैदा हो जाती है। जो आपको दूसरों के सामने शर्मिंदा करते हैं।
इसलिए ऐसे में आपको शर्मिंदा होने की बजाए इसका इलाज करवाने के लिए डेंटिस्ट से संपर्क कर इसका कारण जानना चाहिए। लेकिन इसके लिए कुछ देशी घरेलु उपायें भी हैं जिनको प्रयोग में लाकर आप इस समस्या से बच भी सकते हैं और उसका कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता हैं।
बैग में हमेशा रखें एक टूथब्रश
सांस की दुर्गंध की समस्या से अगर आप हैं परेशान तो अपने बैग में हमेशा एक टूथब्रश रखना चाहिए। जिससे हर बार खाना खाने के बाद फ्लोराइड और एंटीबैक्टीरिया युक्त टूथपेस्ट से ब्रश कर सकें। लेकिन ध्यान रहें सिर्फ ब्रश करना ही काफी नहीं होता, जीभ पर पनपने वाले बैक्टीरिया भी बदबू ही पैदा करते हैं। इसलिए दांत के साथ ही जीभ की भी अच्छे से सफाई करनी जरुरी होती है। इसके अलावा फ्लॉस की मदद से दांतों के बीच में फंसे भोजन के कण और प्लाक को भी निका मुंह की बदबू को दूर कर सकते हैं।
खूब पीएं पानी
मुंह से दुर्गंध या सांस की बदबू की समस्या कभी -कभी ड्राई माउथ यानी मुंह सूखने के कारण भी हो सकती है।बता दें कि जब मुंह में मौजूद लार ग्रंथी पर्याप्त मात्रा में लार का निर्माण नहीं कर पाते तो मुंह सूखने शुरू हो जाता है। कई बार यह स्थिति शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन की वजह से भी हो सकती है या फिर किसी तरह की दवा या खानपान की वजह से कुछ भी हो सकता है। इसलिए विशेषज्ञ सर्दी हो या गर्मी पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह देते हैं।
ग्रीन टी का सेवन
एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर ग्रीन टी में मौजूद ईजीसीजी नाम का एक तत्व सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद साबित होता है। एक शोध के अनुसार ईजीसीजी मसूड़ों में उन कोशिकाओं को उत्तेजित करता है जिससे एंटीमाइक्रोबियल केमिकल रिलीज होता है। ये केमिकल मसूड़ों की बीमारी और मुंह की दुर्गंध के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया को कम करता है। बता दें कि ग्रीन टी के अर्क सांस की दुर्गंध की समस्या रोकने में बेहद मददगार साबित होते हैं। लेकिन प्रतिदिन 2 से 3 कप से ज्यादा ग्रीन टी का सेवन नहीं करना चाहिए।
दही
दही में मौजूद हेल्दी बैक्टीरिया या लैक्टोबैसिलस शरीर के विभिन्न हिस्सों में मौजूद बुरे बैक्टीरिया से लड़ने और उन्हें कंट्रोल करने में मदद करते हैं। दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स सांस की बदबू की गंभीरता को असरदार तरीके से कम करने में मददगार होता है।
गौरतलब है कि खाने के बाद माउथ फ्रेशनर के तौर पर सौंफ खाना भी बेहद फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद एसेन्शियल ऑयल की खशबू सांसों को तरोताजा करने में मदद करते है।
संतरा
संतरा भी ओरल हाइजीन बढ़ाने में बेहद मददगार होता है। विटामिन सी से भरपूर संतरा, लार का उत्पादन बढ़ाने में मदद के साथ सांस की बदबू भी दूर करने में सहायक होता है।
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