कहीं आप भी तो नहीं है ऑन लाइन डेटिंग के शिकार, क्या जानते हैं इस एप्स के बारे में

Update: 2016-10-13 06:16 GMT

लखनऊ: एक निजी कंपनी में काम करने वाली गीता राठी पिछले दिनों साइबर क्राइम का शिकार होते-होते बची हैं। उनका कहना है कि वे वक्त की कमी के वजह से सोशल प्लेटफॉर्म पर चैट करके काम चला लेती हैं। पहले तो ये उन्हें बहुत आसान लगता था बाद में जब उन्हें अपनी प्राइवेसी के लीक होने का पता चला तो वो सन्न रह गई। मतलब कहने का कोई उनकी पर्सनल बातों को लीक करता था। जब उन्हें इसका पता चला तो वो सोशल मीडिया से सतर्क हो गई हैं।

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ये तो एक गीता है , लेकिन उनके जैसे कई लोग हैं जो सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। लेकिन जानकारी के आभाव में क्राइम का शिकार हो जाते हैं। सर्विस और एप के बढ़ते ट्रेंड के साथ-साथ जहां सुविधाएं बढ़ रही हैं वहीं इसकी समस्याओं से लड़के-लड़कियों को कई समस्याओं से जूझना पड़ता है। वे इन प्लेटफार्म पर सिक्योरिटी प्लेटफॉर्म से जूझ रहे हैं, क्योंकि ऐसे प्लेटफार्म साइबर अपराधियों का पसंदीदा ठिकाना हैं।

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डेटिंग ऐप्स

ग्लोबल सॉफ्टवेयर सिक्योरिटी कंपनी नॉर्टन बाई सिमेंटेक द्वारा किए गए एक रिसर्च में कहा गया है, भारत में करीब 38 फीसदी कंज्यूमर ने कहा कि वे ऑनलाइन डेटिंग एप्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ऑरिजनलिटी में करीब 6 फीसदी महिलाएं और 13 फीसदी पुरुष अपने मोबाइल फोन में डेटिंग एप्स रखते हैं।

नॉर्टन मोबाइल रिसर्च में बताया गया है कि जो लोग मोबाइल में डेटिंग एप रखते थे, उनमें से करीब 64 फीसदी महिलाओं और 57 फीसदी पुरुषों ने सुरक्षा संबंधी परेशानियों का सामना किया।

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हो सकते हैं कैटफिशिंग के शिकार

नॉर्टन बाई सिमेंटेक इंडिया के कंट्री मैनेजर रितेश चोपड़ा ने बताया, हालांकि ये एप अपनी वास्तविक पहचान छुपाते हुए ऑनलाइन डेटिंग का दावा करते हैं। लेकिन इन पर आपकी पहचान छिपी नहीं रहती और आप पीछा किए जाने, पहचान चोरी हो जाने, उत्पीड़ित होने, कैटफिशिंग और फिशिंग घोटालों के शिकार हो सकते हैं।

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इनमें 23 फीसदी लोग वायरस/मॉलवेयर, 13 फीसदी ने बेकार के विज्ञापनों, 9 फीसदी ने साइबर दुनिया में पीछा किए जाने, धोखे से प्रीमियम सेवा के भुगतान कर देने, 6 फीसदी ने पहचान चोरी होने तथा चार फीसदी ने बदला लेने के पोर्न का इस्तेमाल होने की जानकारी दी।

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ये सिटीज है ऑनलाइन डेटिंग में नंबर वन

इस रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली में लोग सबसे ज्यादा ऑनलाइन डेटिंग प्लेटफार्म का उपयोग करते हैं। दिल्ली में 51 फीसदी, चेन्नई में 39 फीसदी, कोलकाता में 36 फीसदी, मुंबई में 35 फीसदी और अहमदाबाद में 35 फीसदी लोग डेटिंग एप का उपयोग करते हैं।

जहां चेन्नई के 20 फीसदी और हैदराबाद के 21 फीसदी यूजर्स का मानना था कि ऑनलाइन डेटिंग में कोई खतरा नहीं है। जबकि वहीं सबसे ज्यादा लोग सुरक्षा संबंधी परेशानियों के शिकार बने, जो क्रमश: 68 फीसदी और 69 फीसदी है।

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