'मिलावटी रंग' कहीं बर्बाद न कर दें आपकी 'होली', बचने को आजमाएं ये नायाब तरीके
कानपुर। होली आने में अब महज कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में लगभग सभी घरों में होली की तैयारियां होना शुरू हो गई है लेकिन वहीँ लोगों के अंदर से अबतक मिलावटी रंगों का खौफ नहीं गया है। जी हां। होली खेलने से पहले अक्सर लोगों को मिलावटी रंगों से त्यौहार बेरंग होने का खौफ सताता रहता है। ऐसे में आज हम आपको मिलावटी रंगों से बचाने के लिए कुछ ऐसे सुझाव लेकर आएं हैं जिसे पढ़कर आप भी बेफिक्र होकर होली खेल सकेंगे।
बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आप खुद अपना रंग तैयार कर सकते हैं। लाल गुलाल बनाने के लिए कुसुम या फिर गुलाब की पंखुडियो को पीस कर आटे के साथ मिलाकर गुलाल बना सकते है। लाल चन्दन के पाउडर को आटे या फिर मैदे में मिलाकर लाल रंग का गुलाल बना सकते है। यह स्किन के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। पीला गुलाल बनाने के लिए हल्दी या फिर कसूरी हल्दी को बारीक़ पीस कर बेसन के साथ मिलाकर पीले रंग का गुलाल बना सकते है। हल्दी और मुल्तानी मिटटी का भी यूज करके पीले रंग का गुलाल बना सकते है।
होली के त्यौहार में अक्सर रंग व्यवसायी अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के लिए हानिकारक तत्वों का इस्तेमाल करते हैं, जिसके परिणाम जनता को अत्यधिक नुकसान पहुंचा सकते है। एक ओर जहां ये व्यवसायी लाल रंग बनाने के लिए डीजल, ऑयल ,कॉपर सल्फेट व शीशे के पाउडर का इस्तेमाल करते हैं। तो वहीँ ये मिलावटी रंग सांस लेने में दिक्कत पैदा करते हैं। इन रंगों के इस्तेमाल से चक्कर और सर दर्द जैसी बीमारियों की शिकायत होती है।