Motivational Story Hindi: एक मुट्ठी अनाज पर भी अधिकार नहीं

Motivational Story Hindi: अनाज की ओर मुंह करते ही मार पड़ती है,,,, और पुत्र को बड़े प्यार से पाला पोसा वही मारता है,,, यही है जगत का स्वरूप

Newstrack :  Network
Update:2024-04-12 18:04 IST

 Motivational Story( Social: Media Photo)

Motivational Story Hindi: एक बड़ा सुंदर मकान है, उसके नीचे अनाज की दुकान है, दुकान के सामने अनाज की ढेरी लगी है, एक बकरा आया, उसने ढेरी पर मुंह मारा,,,,

दुकान का मालिक एक तरुण धनी दुकान पर बैठा था,, उसके हाथ में नुकीली छड़ी थी,, उसने बकरे के सिर पर जोर से छड़ी मार दी,, बकरा मैं,,, मैं,,, करता हुआ भागा,,,,

नारद जी तथा अंगिरा ऋषि अपनी राह जा रहे थे,, बकरे की उपर्युक्त घटना देखकर नारद जी को हंसी आ गई,,,, अंगिरा जी ने हंसी का कारण पूछा,,,,?

तब नारद जी ने बताया---- कि यह अनाज की दुकान पहले बहुत छोटी थी,, इसके मालिक ने इसी दुकान से अपने व्यापार की प्रगति की और अंत में करोड़पति हो गया,,,, उसी ने यह इमारत बनवाई है ,,,परंतु अनाज की बुनियादी दुकान को अपने रहने के मकान के पीछे ही रखा,, क्योंकि इसी दुकान से उसकी उन्नति हुई थी,,,,,

मालिक मर गया,, उसका बेटा उत्तराधिकारी हुआ,,, वहीं पर दुकान पर बैठा था,, जिसने बकरे को छड़ी से मारकर भगाया था,,, यह इस दुकान पर रोज घंटे घर आकर बैठता है काम काज तो नौकर करते हैं,,,,,

मुझे हंसी इस बात पर आ गई कि दुकान का वह मालिक,, इस तरुण का पिताजी,, बकरे की योनि में पैदा हुआ है,,,, यही एक दिन इस दुकान का मकान का सारे कारोबार का मालिक था,,,,, पर आज एक मुट्ठी अनाज पर भी इसका अधिकार नहीं है,,,,

अनाज की ओर मुंह करते ही मार पड़ती है,,,, और पुत्र को बड़े प्यार से पाला पोसा वही मारता है,,, यही है जगत का स्वरूप,,,,,

कल्याण पत्रिका

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