लखनऊ : पेट दर्द को हल्के में लेना आपकी जिंदगी को सदमे में डाल सकता है । ये बात अमेरिका से आए यूरोलॉजिस्ट डॉं. अनूप सिंह ने विवेकानंद हॉस्पिटल में चल रहे चार दिवसीय फ्री यूरोलॉजी कंसल्ट कैंप के दौरान कही । डॉ. सिंह का कहना है कि बिना डॉक्टर की सलाह से पेट दर्द के दौरान ली गयी दवा धीरे-धीरे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का रूप ले लेती है। इसका मरीज को पता ही नहीं चल पाता। उन्होंने बताया की 50 साल से अधिक आयु के पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावनाएं सबसे अधिक होती हैं।
वहीं खासकर भारत में 20-30 उम्र के व्यक्तियों में पथरी होने की संभावनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं । डॉ.अनूप सिंह ने बताया कि इन बीमारियों से किडनी, यूरेट्स, यूरिनरी ब्लैडर, प्रोस्टेट और यूरेथ्रा पर सीधा असर पड़ता है और इसकी रोकथाम के लिए बिना लापरवाही बरते डॉक्टर से सलाह ले। इलाज कराना चाहिए। उनका कहना है कि भारत में लगभग 10 फीसदी मौतें हर साल यूरोलॉजी से सम्बंधित बीमारियों के कारण होती हैं जो कि चिंता का विषय है लेकिन समय रहते उचित उपचार से इन बीमारियों से बचा जा सकता है।
यूरोलॉजी से संबंधित प्रमुख बीमारियां
-किडनी स्टोन ( गुर्दे की पथरी )
-बीपीएच ( बिनाइन प्रोस्टेटिक हाईपरट्रोफी )
-यूटीआई ( यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन )
-किडनी कैंसर
-यूरिन ब्लैडर कैंसर
बीमारियों के लक्षण
-पेट में जलन और दर्द
-पेशाब करते समय जलन और दर्द
-जल्दी-जल्दी पेशाब होना
-खुलकर पेशाब न होना
-पेशाब के दौरान रक्तस्त्राव
बीमारियों के कारण
-रेड मीट, फास्ट फूड आदि का अधिक सेवन
-तम्बाकू व एल्कोहल का सेवन
- अशुद्ध पानी पीना
-असुरक्षित (संक्रमित व्यक्ति के साथ) यौन सम्बन्ध बनाना
-गंदे शौचालय का उपयोग करना