Radha Ashtami 2024: कृष्ण से उम्र में कितनी बड़ी थीं राधा रानी, राधाष्टमी पर जानें खास बातें

Radha Ashtami 2024: पंचांग के अनुसार, द्वापर युग में भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री राधा रानी का जन्म हुआ था। इस तिथि पर हर साल राधा का जन्मोत्सव मनाया जाता है।

Written By :  Shreya
Update: 2024-09-09 03:15 GMT

Radha Ashtami 2024 (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Radha Ashtami 2024: 11 सितंबर 2024 को राधा अष्टमी (Radha Ashtami 2024 Date Kab Hai) का त्योहार मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, द्वापर युग में भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री राधा रानी का जन्म हुआ था। ऐसे में हर साल इसी तिथि पर उनका जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन भक्त विधि-विधान से राधा रानी की पूजा-अर्चना और व्रत करते हैं। ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। चलिए आज जानते हैं राधा रानी से जुड़ी कुछ खास बातें।

बरसाना में नहीं हुआ था राधा का जन्म (Radha Ji Ka Janm Kahan Hua Tha)

ज्यादातर लोग यही जानते हैं कि राधा बरसाना में जन्मी थीं। लेकिन हकीकत ये है कि उनका जन्म बरसाना से 50 किलोमीटर दूर रावल नामक एक गांव में हुआ था। ये गांव ही राधा का जन्म स्थान है। लेकिन बाद में राधा के पिता वृषभानु बरसाना चले गए। इसलिए यही जगह राधा का जन्म स्थान माना जाता है।

मां के गर्भ से नहीं जन्मीं थीं राधा (Radha Ka Janm Kaise Hua)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा रानी ने एक श्राप के कारण इस पृथ्वी पर जन्म लिया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, राधा ने अपनी माता कीर्ति के गर्भ से जन्म नहीं लिया था, बल्कि वृषभानु जी की तपोभूमि से प्रकट हुईं थी। देवी कीर्ति गर्भवती तो थीं, लेकिन उनके गर्भ में योगमाया की प्रेरणा से वायु का प्रवेश था और उन्होंने वायु को ही जन्म दिया था। ऐसा कहा जाता है कि जब माता कीर्ति प्रसव पीड़ा से गुजर रही थीं तो उसी समय वहां देवी राधा कन्या के रूप में प्रकट हो गईं।

कृष्ण से बड़ी थीं राधा रानी (Radha Krishna Se Kitni Badi Thi)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

राधा-कृष्ण प्रेम का प्रतीक हैं। दोनों ने पृथ्वी पर इंसान रूप में जन्म लेकर विश्व को सच्चे और पवित्र प्रेम की परिभाषा सिखाई। राधा, कृष्ण के बिना अधूरी हैं और कृष्ण का अस्तित्व राधा बिना कुछ भी नहीं है। इसलिए सदैव दोनों का नाम साथ में लिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राधा रानी कृष्ण कन्हैया से उम्र में बड़ी थीं। भगवान कृष्‍ण उम्र में देवी राधा से साढ़े 11 महीने छोटे थे।

जन्म के बाद साढ़े 11 महीने बंद रही थीं आंखें

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

राधा का जन्म कृष्ण से पहले ही पृथ्वी पर हो चुका था, लेकिन उन्होंने तब तक अपनी आंखें नहीं खोलीं, जब तक कृष्ण स्वयं बाल रूप में उनके सामने नहीं आए। शास्‍त्रों के अनुसार, साढ़े 11 महीने तक राधा की आंखें बंद रहीं। इसे लेकर उनके माता-पिता काफी परेशान थे। लेकिन जब एक दिन नंदबाबा कृष्‍ण को लेकर राधा के घर पहुंचे। कृष्‍ण का नाम सुनते ही राधा ने अपनी आंखें खोल लीं।

कृष्ण के अंश से ही हुआ था विवाह (Radha Rani Ka Vivah Kisse Hua Tha)

राधा-कृष्ण की शादी को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। कई ये मानते हैं कि राधा और कृष्ण की शादी ब्रह्मा जी ने कराई थी, जबकि कई कहानियों में ये सुनने को मिलता है कि देवी राधा का विवाह रायाण नामक एक वैश्य से हुआ था, जो कि भगवान श्रीकृष्ण का ही अंश थे।

नोट- यह खबर सामान्य धार्मिक जानकारी पर आधारित है। इन तथ्यों की न्यूजट्रैक पुष्टि नहीं करता है।

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