Raksha Bandhan 2024: भारत के अलग अलग राज्य में ऐसे मनता है रक्षाबंधन का त्योहार, यहाँ तो पेड़ों को बांधते राखी
Raksha Bandhan 2024: भारत देश विभिन्नता में एकता के लिए जाना जाता है वहीँ रक्षाबंधन का त्योहार यहाँ अलग अलग राज्यों में अलग तरह से मनाया जाता है।
Raksha Bandhan 2024: जैसा कि आप जानते ही होंगे कि भारत के हर राज्य की अलग-अलग परंपराएं, संस्कृतियां और रीति-रिवाज हैं। उनके त्योहार मनाने के तरीके भी अलग-अलग हैं। इसी प्रकार, रक्षाबंधन के त्यौहार को भी कहीं कहीं कुछ अलग अंदाज़ में मनाया जाता है। वैसे तो इस त्योहार को पूरे भारत में एक ही रीति-रिवाज के अनुसार मनाया जाता है, लेकिन भारत के विभिन्न राज्यों के लोगों का मानना है कि रक्षा बंधन का दिन उनके राज्य में अधिक महत्वपूर्ण है। आइये विस्तार से जानते हैं कि इस त्योहार को किस राज्य में किस तरह मनाया जाता है।
भारत के अलग अलग राज्य में ऐसे मनाया जाता है रक्षाबंधन का त्योहार
रक्षा बंधन, जो भाइयों और बहनों के बीच प्यार और सुरक्षा का जश्न मनाता है, श्रावण या भाद्रपद महीने की पूर्णिमा के दिन पड़ता है। इसका महत्व क्षेत्र के अनुसार भिन्न-भिन्न होता है; यह भारत के कुछ हिस्सों में बहुत धूमधाम और जोश के साथ मनाया जाता है और अन्य में यह केवल औपचारिकता बनकर रह गया है। आइये जानते हैं कहाँ कैसे मनता हैं ये त्योहार।
रक्षाबंधन का त्योहार इस 19 अगस्त को मनाया जायेगा ये दिन भाई और बहन के प्रेम का त्योहार है। जब बहने अपने भाई को राखी बांधतीं हैं और उनका मुँह मीठा करवातीं हैं। लेकिन जहाँ भारत विविधताओं का देश है ऐसे में अलग अलग और अनोखी परम्पराओं के साथ त्योहार भी मनाया जाता है। वहीँ राखी का ये त्योहार भी अलग अलग जगहों पर अलग रीति-रिवाज़ मनाया जाता है। वैसे तो ज़्यादातर जगहों पर इसे एक ही तरह से मनाया जाता है लेकिन कुछ स्थान ऐसे भी हैं जहाँ इन्हे अनोखे अंदाज़ से मनाये जाने की परंपरा है।
रक्षाबंधन पर बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती है और उनकी सफलता की कामना करतीं हैं। इस ख़ास मौके पर राखी बांधने का विशेष नियम होता है साथ ही मुहूर्त का भी विशेष महत्त्व होता है। वहीँ भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। इस तरह के कुछ ख़ास नियमों के साथ राखी का ये पावन त्यौहार मनाया जाता है।
इस ख़ास त्यौहार को मारवाड़ी समाज में अलग तरह से मनाया जाता है। ये त्योहार यहाँ 9 दिनों तक मनाया जाता है। इस समय घर की चौखट की पूजा की जाती है। वहीँ इसके साथ घर के मुख्य द्वार पर खीर, पुरी, मौली और दूबा रखी जाती है। इसके बाद आने वाले 8 दिनों तक लोग अपने रिश्तेदारों के घर जाकर रक्षाबंधन का त्योहार मनाते हैं। इसके बाद 9वें दिन गुगा जी का निर्माण होता है इसके बाद सभी राखियों को उतारकर भेंट किया जाता है।
उत्तर बिहार में रक्षाबंधन के ख़ास मौके पर ननद अपनी भाभी को लुंबा राखी बांधती है। यहाँ वैसे भाई-बहन के बीच में ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है लेकिन यहाँ ननद और भाभी को भी राखी बांधती है वैसे इसे कई अन्य राज्यों में भी मनाने का रिवाज़ हो गया है लेकिन ये त्योहार इस तरह ख़ास रूप में उत्तर बिहार में ही मनाया जाता रहा है। कहते हैं इससे ननद-भाभी का रिश्ता और मज़बूत बनता है।
वहीँ बिहार की राजधानी पटना में पेड़ों को राखी बांधने का रिवाज़ है। रक्षाबंधन पर यहाँ लोग पाटली वृक्ष को राखी बांधकर पर्यावरण संरक्षण का प्रण करते हैं। वहीँ इस दिन पर्यावरण पर काम करने वाली संस्था भी कई तरह के जागरूकता अभियान चलाती है।
उत्तराखंड में चंपावत जिले के देवीधुरा में रक्षाबंधन ख़ास तरह से मनाया जाता है यहाँ बग्वाल पाषाण युद्ध की परंपरा प्रचलित है। यहाँ के लिए मान्यता है कि रक्षाबंधन पर चार खाम और सात थोकों के रणबांकुरे बग्वाल खेलते हैं वहीँ एक व्यक्ति रक्त बहाता है। वहीँ बग्वाल के बाद रणबांकुरे गले मिलते हैं और इस त्योहार की अलग तरह की परंपरा मानते हैं।