देश में परिवर्तन लाने के लिए सरकार बदलना जरूरी: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि गठबंधन जितने वोट किसी के पास नहीं हैं। यह वोटशक्ति महागठबंधन को महामिलावट कहनेवालों की चौकी छीन लेगी। देश में परिवर्तन लाने के लिए सरकार बदलना जरूरी हो गया है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि गठबंधन जितने वोट किसी के पास नहीं हैं। यह वोटशक्ति महागठबंधन को महामिलावट कहने वालों की चौकी छीन लेगी। देश में परिवर्तन लाने के लिए सरकार बदलना जरूरी हो गया है। अखिलेश बुधवार को राजकीय इंटर कालेज में फर्रुखाबाद के प्रत्याशी मनोज अग्रवाल एवं सपा के एटा प्रत्याशी देवेन्द्र सिंह यादव के पक्ष में जनसभा को संवोधित करने आये थे।
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उनकी नीतियों पर आरोपों की बरसात करते हुए अखिलेश का कहना था कि प्रधानमंत्री ने हमें-आपको दिखाने के लिए कुंभ मेले के दौरान सफाई कर्मचारियों के पांव धोये थे। किन्तु हम तो उनका पांव धोना ही देखते रह गये, उन्होंने पांव धोते-धोते नौकरियां भी धो दीं। गरीबों की पेंशन धो दी।
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प्रधानमंत्री के 5 साल के कार्यकाल को तकलीफ, परेशानी व देश व प्रदेश को पीछे धकेलने वाला काल बताते हुए अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने शिक्षामित्रों को, आशा कार्यकर्ताओं को, रसोइया व ग्रामसेवकों को तथा चौकीदारों तक को धोखा दिया है। आज कोई चौकीदार नहीं बनना चाहता। सरकारी नौकरी चाहता है। कोई कुछ बोलना चाहे, कोई सवाल करना चाहे तो उसे राष्ट्रविरोधी बता दिया जाता है।
अखिलेश ने वहां उपस्थित शिक्षामित्रों को आश्वासन दिया कि अगर उनकी सरकार आती है तो वे अलग से विज्ञापन निकाल कर शिक्षामित्रों की समस्या का समाधान करने का प्रयास करेंगे। केन्द्र सरकार द्वारा किसानों को दी जा रही 6 हजार की सम्मान राशि के विषय में अखिलेश का कहना था कि इससे किसानों का कुछ भला न होगा। सरकार ने यूरिया खाद की बोरी से 5 किलो खाद कम करके किसानों से धोखा किया है। चारे का इंतजाम न करने के कारण आवारा पशु खेत उजाड़ रहे हैं। किसान को रात-रात भर खेत की चौकीदारी करनी पड़ती है। उसे आलू की कीमत तक नहीं मिली। इसके चलते किसान यूनियन के नेता के पुत्र को आत्महत्या करनी पड़ी।अखिलेश का सवाल था कि 2014 में कालाधन वापस लाने की बात करनेवाले प्रधानमंत्री बताएंगे कि वापस आया कालाधन कहां है? भ्रष्टाचार खत्म करने का आश्वासन कितना पूरा हुआ?
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सपा अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले पर तंज कसा कि भाजपा तो नक्सली आंदोलन के समाप्त होने की बात कह रही थी। फिर यह हमला कैसे हो गया? इसके लिए केन्द्र सरकार की क्या जिम्मेवारी है? अखिलेश का आरोप था कि भाजपा के राज्य में जवान, किसान, नौजवान सभी आत्महत्या कर रहे हैं। हजारों शिक्षामित्र आत्महत्या कर चुके हैं। उनकी चेतावनी थी कि अगर अगली बार भाजपा की सरकार आयी तो युवाओं को नौकरी नहीं मिलेगी। उन्हें पकौड़े बेचने पड़ेंगे। और ये पकौड़े भी किसान की सरसों के तेल के नहीं आयतित तेल के होंगे। अखिलेश यादव ने उपस्थित सपा कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया कि दिल्ली में उनकी सरकार बनने जा रही है। इसके बाद वे दसवीं, बारहवीं पास युवाओं को केवल दौड़ के आधार पर पुलिस में भर्ती की प्रक्रिया आरम्भ कराएंगे।
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सभा मंच पर अखिलेश जातिगत आरक्षण की मांग करते भी दिखे। अखिलेश का कहना था कि भाजपा सपा सरकार के समय में बनीं बिजली योजनाएं ही आगे बढ़ा रही है किन्तु बिजली के दाम बढ़ाए हैं। भाजपा का विकास शौचालय से शुरू होता है, शौचालय पर ही खत्म भी हो जाता है। फिर भी पांच वर्ष में गांवों में कितने शौचालय बने, कोई नहीं बता पाता। कांग्रेस एक गड्ढे का शौचालय बनवाती थी, भाजपा सरकार दो गड्ढों के शौचालय बनवा रही है। किन्तु शौचालय के लिए पानी की व्यवस्था न कांग्रेस की सरकारों ने की, न भाजपा सरकार द्वारा की जा रही है। सरकार कोई काम नहीं कर रही। बस नफरत फैला रही है। हमारे बीच जाति-धर्म की खाई पैदा कर रही है। योगी को आज बजरंगवली याद आ रहे हैं। कभी वे इनकी जाति बताते हैं। गनीमत है कि अभी तक बजरंगवली को यादव नहीं बताया है। भाजपा के घोषणापत्र को धोखा बताते हुए अखिलेश का दावा था कि भाजपाई गठबंधन से घबरा गये हैं। ये देश का गठबंधन है।