EVM पर बवाल: अमित शाह बोले, विपक्ष कर रहा जनादेश का अपमान, पूछे 6 सवाल

लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले ईवीएम पर बवाल मचा हुआ है। विपक्षी दल बार-बार इसपर सवाल खड़ा कर रहे हैं। अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्षी दलों पर पलटवार किया है।

Update: 2019-05-22 11:54 GMT

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले ईवीएम पर बवाल मचा हुआ है। विपक्षी दल बार-बार इसपर सवाल खड़ा कर रहे हैं। अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्षी दलों पर पलटवार किया है।

शाह ने सोशल मीडिया पर विपक्षी दलों से 6 सवाल पूछे हैं। इनमें उन्होंने ईवीएम के विरोध को देश की जनता के जनादेश का अपमान बताया है। साथ ही शाह ने लिखा है हार से बौखलाई यह 22 पार्टियां देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवालिया निशान उठा कर विश्व में देश और अपने लोकतंत्र की छवि को धूमिल कर रही है। मैं इन सभी पार्टियों से कुछ प्रश्न पूछना चाहता हूं।

अमित शाह ने 6 सवाल विपक्ष से पूछे हैं...

-EVM की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाने वाली इन अधिकांश विपक्षी पार्टियों ने कभी न कभी EVM द्वारा हुए चुनावों में विजय प्राप्त की है। यदि उन्हें EVM पर विश्वास नहीं है तो इन दलों ने चुनाव जीतने पर सत्ता के सूत्र को क्यों सम्भाला?

-देश की सर्वोच्च अदालत ने तीन से ज्यादा PIL का संज्ञान लेने के बाद चुनावी प्रक्रिया को अंतिम स्वरूप दिया है। जिसमें की हर विधानसभा क्षेत्र में पांच VVPAT को गिनने का आदेश दिया है। तो क्या आप लोग सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहे है?

यह भी पढ़ें...जानिए क्या है हुआवे मामला, अमेरिका देगा छूट

-मतगणना के सिर्फ दो दिन पूर्व 22 विपक्षी दलों द्वारा चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन की मांग पुर्णतः असंवैधानिक है क्योंकि इस तरह का कोई भी निर्णय सभी दलों की सर्वसम्मति के बिना सम्भव नहीं है।



-विपक्ष ने EVM के विषय पर हंगामा छः चरणों का मतदान समाप्त होने के बाद शुरू किया। एक्जिट पोल के बाद यह और तीव्र हो गया। एक्जिट पोल EVM के आधार पर नहीं बल्कि मतदाता से प्रश्न पूछ कर किया जाता है। अतः एक्जिट पोल के आधार पर आप EVM की विश्वसनीयता पर कैसे प्रश्न उठा सकते है?

-EVM में गड़बड़ी के विषय पर प्रोएक्टिव कदम उठाते हुए चुनाव आयोग ने सार्वजनिक रूप से चुनौती देकर इसके प्रदर्शन का आमंत्रण दिया था। परन्तु उस चुनौती को किसी भी विपक्षी दल ने स्वीकार नहीं किया। इसके बाद चुनाव आयोग ने EVM को VVPAT से जोड़ कर चुनावी प्रक्रिया को और पारदर्शी किया। VVPAT प्रक्रिया के आने के बाद मतदाता मत देने के बाद देख सकता है कि उसका मत किस पार्टी को रजिस्टर हुआ। प्रक्रिया के इतने पारदर्शी होने के बाद इस पर प्रश्न उठाना कितना उचित है?

यह भी पढ़ें...कील-मुंहासों के दाग से छुटकारा पाने के लिए खाने में शामिल करें ये चीजें

- कुछ विपक्षी दल चुनाव परिणाम अनुकूल न आने पर ‘हथियार उठाने’ और “खून की नदिया बहाने“ जैसे आपत्तिजनक बयान दे रहे है। विपक्ष बताये कि ऐसे हिंसात्मक और अलोकतांत्रिक बयान के द्वारा वह किसे चुनौती दे रहा है?

उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे प्रश्न सिर्फ भ्रान्ति फैलाने का प्रयास है, जिससे प्रभावित हुए बिना हम सबको हमारे प्रजातांत्रिक संस्थानों को और मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए।

Tags: