वाराणसी के रण से एक और योद्धा हुआ बाहर, क्या पीएम मोदी की राह होगी आसान?

मीडिया को जारी पत्र में अतीक ने पेरोल न मिलने को चुनाव मैदान से हटने का कारण बताया है।अतीक अहमद ने यह भी कहा है कि वह किसी भी प्रत्याशी का समर्थन नहीं करेंगे।

Update: 2019-05-13 04:25 GMT

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करने वाले पूर्व सांसद अतीक अहमद ने मैदान छोड़ने का एलान किया है।

मीडिया को जारी पत्र में अतीक ने पेरोल न मिलने को चुनाव मैदान से हटने का कारण बताया है।अतीक अहमद ने यह भी कहा है कि वह किसी भी प्रत्याशी का समर्थन नहीं करेंगे।

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गौरतलब है कि अतीक ने निर्दलीय नामांकन करने के बाद चुनाव प्रचार करने के लिए परोल की अर्जी दी थी। पिछले दिनों एमपी, एमएलए कोर्ट व उसके बाद हाईकोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी थी। अतीक के चुनाव एजेंट एडवोकेट शहनवाज आलम ने रविवार को अतीक का नैनी जेल से लिखा पत्र मीडिया को जारी किया. इस पत्र में चुनाव मैदान से हटने की बात लिखी है।

पत्र में लिखा है 'भारत में लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत हैं. लेकिन ऐसी विचारधारा के लोग भी मौजूद हैं जो लोकतंत्र को संपत कर हिटलरशाही लाना चाहते हैं।' पत्र में मतदाताओं से सांप्रदायिक ताकतों को परास्त करने की अपील भी की गई है।

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हालांकि नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के कारण बैलट यूनिट में अतीक अहमद का नाम और चुनाव चिन्ह अंकित रहेगा. शाहनवाज ने बताया कि उनकी ओर से किसी तरह के पास और अनुमति नहीं ली जाएगी।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ तेलंगाना के 25 किसान समेत 101 लोगों ने नामांकन किया था। जिसमें बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव भी शामिल थे, लेकिन उनका नामांकन रद्द हो गया। के बाद अब 25 प्रत्याशी मैदान में हैं. वाराणसी लोकसभा सीट पर 19 मई को लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में मतदान होगा।

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