वीवीपैट पर्चियों के मिलान पर क्या चुनाव आयोग दे सकता है कोई आदेश?

चुनाव आयोग ने करीब एक घंटे तक उन सभी की बातों और आशंकाओं को सुना़, परंतु किसी तरह का कोई आश्वासन नहीं दिया। लेकिन, उन्हें इस बात का भरोसा दिया गया कि चुनाव आयोग के तीन सदस्य बुधवार की सुबह मिलेंगे।

Update: 2019-05-22 04:08 GMT
चुनाव आयोग की फ़ाइल फोटो

नई दिल्ली: विपक्ष की 22 पार्टियों ने मंगलवार को चुनाव आयोग से मुलाकात कर वोटों की गिनती को लेकर अपनी मांग दोहराई। लेकिन, इसके पहले इलैक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल खड़े करने वाले विपक्षी दलों ने गुरूवार को होने जा रही वोटों की गिनती से पहले दो सुझाव भी दिए। विपक्षी दलों ने आयोग से कहा कि इन वोटों की गिनती शुरू होने से पहले उन्हें अमल में लाया जाना चाहिए।

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चुनाव आयोग ने करीब एक घंटे तक उन सभी की बातों और आशंकाओं को सुना़, परंतु किसी तरह का कोई आश्वासन नहीं दिया। लेकिन, उन्हें इस बात का भरोसा दिया गया कि चुनाव आयोग के तीन सदस्य बुधवार की सुबह मिलेंगे ताकि वीवीपैट पर्ची से वोटों की गिनती को लेकर उनकी तरफ से दिए गए सुझावों पर चर्चा कर सकें।

अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह आदेश दिया था कि हर विधानसभा क्षेत्र के पांच बूथ का आकस्मिक तरीके से चुनाव कर ईवीएम वोट की वीवीपैट की पर्ची से मिलान करें।

निर्वाचन पैनल की तरफ से जो निर्देश दिए गए हैं उसमें यह कहा गया है कि आखिरी चरण का वोटों की गिनती के दौरान वीवीपैट पर्ची की गिनती की जाएगी।

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विपक्षी दलों की तरफ से यह मांग की जा रही है कि हर विधानसभा क्षेत्र के चुने हुए पांच बूथों पर वीवीपैट की पर्ची से पहले मिलान करें। उनकी दूसरी मांग ये है कि अगर इन पांच बूथों के वीवीपैट से मिलान में किसी तरह की अनियमितता पाई जाती है तो उस खास विधानसभा क्षेत्र के सभी बूथों में चुनाव आयोग को वीवीपैट की पर्ची से वोटों गिनती करनी चाहिए।

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- “इसमें कोई दिमाग लगने की बात नहीं नहीं है।” आखिरकार इसका कारण है कि सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि पहले सैंपल के तौर पर पांच मतदान केन्द्र की वीवीपैट पर्ची से मिलान करें। अगर सैंपल में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो इसका यह मतलब होगा कि कई जगहों पर धांधली हुई होगी।

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