Lok sabha election 2019: बनारस में विपक्ष ने मोदी को दिया वाकओवर

भाजपा हराओ अभियान चलाने वाली विपक्षी एकता की कलई बनारस में खुल गई। संयुक्त विपक्ष मिलकर नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई मजबूत उम्मीदवार देने में कामयाब नहीं हो सका।

Update: 2019-04-26 07:49 GMT

योगेश मिश्र

लखनऊ: भाजपा हराओ अभियान चलाने वाली विपक्षी एकता की कलई बनारस में खुल गई। संयुक्त विपक्ष मिलकर नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई मजबूत उम्मीदवार देने में कामयाब नहीं हो सका। हालांकि लंबे समय तक बनारस से प्रियंका गांधी के उतरने की न केवल खबरें तैरती रहीं बल्कि खुद प्रियंका ने कहा कि राहुल कहें तो वह बनारस से लड़ सकती हैं। लेकिन यह सब सिर्फ फसाना था। यह इस बात से पता चलता है कि सपा बसपा गठबंधन ने जिस शालिनी यादव को मैदान में उतारा है वह मेयर का चुनाव भी नहीं जीत पाई थीं। कांग्रेस के अजय राय पिछली मर्तबा 75,614 वोटों के आसपास सिमट गए थे।

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कांग्रेस और गठबंधन के उम्मीदवार को देखकर के किसी के लिए भी यह समझना आसान है कि मोदी विरोध की झंडाबरदारी कितनी शिद्दत से कौन कर रहा है। पिछली बार जब मोदी प्रधानमंत्री नहीं बने थे तब उनके खिलाफ अरविंद केजरीवाल ने उम्मीदवारी जता कर तकरीबन ढाई लाख वोटों का बड़ा स्कोर खड़ा किया था आज नरेंद्र मोदी केवल सांसद नहीं प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं। तब उनके सामने कोई बड़ा चेहरा उतारने में राजनीतिक दलों की नाकामयाबी यह चुगली करती है कि बनारस में मोदी को वाकओवर मिल गया है।

 

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बीते गुरुवार को मोदी ने बनारस में तकरीबन सात किलोमीटर का लंबा रोड शो करके यह जता दिया कि बनारस की जनता उन्हें कितना चाहती है। बनारस की पहचान माने जाने वाले बाबा विश्वनाथ मंदिर से लेकर बनारस में किये गए विकास के काम इस बात के प्रमाण हैं कि मोदी ने अब तक उपेक्षा का दंश झेल रहे बनारस को नई पहचान दी है।

 

बनारस के लोगों के लिए यह सवाल लाख टके का हैं कि आखिर सपा बसपा गठबंधन ने मेयर का चुनाव हार चुके उम्मीदवार को क्यों उतारा, कांग्रेस के पास अजय राय के सिवाय कोई चेहरा क्यों नहीं दिखा वह भी तब जबकि राजेश मिश्रा 2017 की विधानसभा चुनाव की लहर के दौरान वाराणसी दक्षिण विधानसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर तकरीबन 71138 वोट पाने का रिकार्ड बनाने के बावजूद नहीं जीत सके थे।

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राजेश मिश्रा को कांग्रेस ने बनारस की जगह सलेमपुर से उम्मीदवार बनाया है। बगल की बलिया सीट भूमिहार बहुल होने के बावजूद कांग्रेस ने बनारस में भूमिहार उम्मीदवार उतारा है। विपक्ष के उम्मीदवारों ने मोदी के लिए जीत का बड़ा स्कोर खड़ा करने का मार्ग खोल दिया है।

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