पुलवामा के शहीदों के नाम पर वोट मांग कर मोदी ने क्या कर दिया आचार संहिता का उल्लंघन
पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के नाम पर वोट मांगकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फंस गए हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रहे विलास राव देशमुख के गृहक्षेत्र लातूर में चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस पर जमकर हमला बोला था।
उस्मानाबाद : पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के नाम पर वोट मांगकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फंस गए हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रहे विलास राव देशमुख के गृहक्षेत्र लातूर में चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस पर जमकर हमला बोला था।
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इस दौरान प्रधानमंत्री ने पुलवामा का नाम लेकर कहा था कि पहली बार मतदान करने वालों से कहना चाहता हूं, बहुत सोच समझ कर वोट देना है। क्या आपका पहला वोट पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक करने वाले वीर जवानों के नाम समर्पित हो सकता है, पहला वोट पुलवामा में जो वीर शहीद हुए, उनके नाम समर्पित हो सकता है क्या? आपका पहला वोट किसी को अपना घर, मुफ्त में अस्पताल में इलाज मिले, इसके लिए समर्पित हो सकता है?
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मोदी के इस बयान पर कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की थी। दोनों राजनीतिक पार्टियों ने पीएम मोदी के बयान को चुनाव आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन बताते हुए आयोग से इस पर तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।
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पहली बार मतदान करने वालों से अपना वोट बालाकोट हवाई हमले को अंजाम देने वालों और पुलवामा के शहीदों के नाम पर देने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील राजनीतिक फायदे के लिए सैन्य बलों का इस्तेमाल न करने वाले चुनाव आयोग के दिशानिर्देश का उल्लंघन थी। यह बात ओस्मानाबाद जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) ने महाराष्ट्र मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को भेजी अपनी रिपोर्ट में कही है।
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सूत्रों के मुताबिक जिला निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट में बालाकोट पर दी गई प्रधानमंत्री की टिप्पणी को प्रथम दृष्टया चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन माना गया है। निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, मोदी के भाषण को चुनाव आयोग को भेज दिया गया है और उस पर अंतिम फैसला आयोग ही लेगा।
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देखना यह है कि चुनाव आयोग इस पर क्या फैसला लेता है। अगर चुनाव आयोग उस्मानाबाद जिला निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट से सहमत होता है तो यह पहली बार होगा जब प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी से किसी चुनाव में प्रथम दृष्टया आचार संहिता उल्लंघन को लेकर स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है। इस बारे में आयोग का फैसला जल्द आने की उम्मीद है।