Election 2019: दस सीटें जीत कर भी क्यों खुश नहीं हैं मायावती

इस खराब प्रदर्शन की समीक्षा के लिए बसपा सुप्रीमों ने रविवार को अपनी पार्टी के सभी पदाधिकारियों और जीते हुये सांसदों को दिल्ली बुलाकर बैठक की। बैठक में मायावती ने नव निर्वाचित सांसदों को लोकसभा सदन के लिए तय पार्टी लाइन से भी वाकिफ कराया।

Update: 2019-05-26 15:44 GMT

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2014 में एक भी सीट पर नही जीतने और लोकसभा चुनाव 2019 में 10 सीटे जीतने के बावजूद बहुजन समाज पार्टी मुखिया मायावती पार्टी के प्रदर्शन से खुश नहीं है।

इस खराब प्रदर्शन की समीक्षा के लिए बसपा सुप्रीमों ने रविवार को अपनी पार्टी के सभी पदाधिकारियों और जीते हुये सांसदों को दिल्ली बुलाकर बैठक की। बैठक में मायावती ने नव निर्वाचित सांसदों को लोकसभा सदन के लिए तय पार्टी लाइन से भी वाकिफ कराया।

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सूत्रों के मुताबिक इस समीक्षा में उन सीटों पर विशेष उन सीटों पर हुई जिन पर पार्टी को जीतने का पूरा भरोसा था और इसके साथ ही उन सीटो को भी शामिल किया गया, जहां पार्टी कम अंतर से हारी है। बसपा सुप्रीमों ने इस तथ्य की भी समीक्षा की कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से गठबंधन से पार्टी को कितना लाभ व हानि हुई है और सपा का वोट बसपा को ट्रांसफर हुआ है कि नहीं। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने बसपा प्रत्याशियों की जीत-हार पर कितना असर डाला है।

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बसपा सुप्रीमों मायावती ने यूपी की सभी लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी के पदर्शन की समीक्षा कर चुनाव के दौरान हुई चूक पर चर्चा करते हुये कहा कि चुनाव के दौरान लोकसभा क्षेत्रों से आ रही रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी का प्रदर्शन और बेहतर होना चाहिये था। कई ऐसी सीटे थी जहां से गठबंधन के जीतने की रिपोर्ट थी लेकिन वहां भी हार मिली, इसकी गहन समीक्षा की जायेगी। बैठक के दौरान मछलीशहर लोकसभा सीट का खासतौर पर जिक्र आया जहां बसपा प्रत्याशी टी राम महज 181 वोटों से चुनाव हार गये।

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