मोदी इफेक्ट! मुस्लिम परिवार ने नवजात का नाम रखा नरेंद्र दामोदर दास मोदी
ऐसे ही एक खबर उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से है यहां एक मुस्लिम परिवार के घर में नवजात बच्चे की मां ने जिद पकड़ ली कि बच्चे का नाम तो नरेंद्र दामोदर दास मोदी ही रखा जाए। बहरहाल, मां की जिद पूरी हुई और बच्चे का यह नाम सभी ने मंजूर कर लिया।
गोंडा: हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी को मिली रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद देश भर से उनके अनोखे प्रशंसकों की खबरें आ रही हैं।
नरेंद्र मोदी की जीत की खुशी में बिहार के मोतिहारी का एक युवक ने अपने सीने पर चाकू से पीएम मोदी का नाम लिख डाला है। इस दौरान उसका काफी खून भी बह गया। पीएम मोदी के इस फैन की पहचान सोनू पटेल के रूप में हुई है। वह मोतिहारी के तुरकौलिया इलाके का रहने वाला है।
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ऐसे ही एक खबर उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से है यहां एक मुस्लिम परिवार के घर में नवजात बच्चे की मां ने जिद पकड़ ली कि बच्चे का नाम तो नरेंद्र दामोदर दास मोदी ही रखा जाए। बहरहाल, मां की जिद पूरी हुई और बच्चे का यह नाम सभी ने मंजूर कर लिया।
घटना गोंडा जिले के वजीरगंज कस्बे के परसापुर महरौर की है, जहां मैनाज नाम की मुस्लिम महिला ने 23 मई को एक नवजात बच्चे को जन्म दिया। बच्चे के पैदा होने के बाद जब उसके नाम पर विचार किया जाने लगा तो मैनाज ने इच्छा जाहिर की कि बच्चे का नाम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखा जाए।
पहले-पहल तो लोगों को यह हंसी-मजाक लगा लेकिन जब बच्चे की मां अपनी बात पर अड़ी रही तो लोग सोच में पड़ गए। बच्चे के दादा मोहम्मद इदरीस आगे आए और उन्होंने अपनी पुत्रवधू की इच्छा का समर्थन करते हुए बच्चे का नाम नरेंद्र मोदी रखने पर सहमति जताई।
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डीएम कार्यालय में एक हलफनामा दर्ज कर कहा गया कि परिवार रजिस्टर में बच्चे का नाम नरेंद्र दामोदर दास मोदी रखा जाए। मैनाज बेगम कहती हैं कि वह पीएम मोदी के बारे में देखती-सुनती आ रही हैं। वह कहती हैं, 'मोदीजी अच्छा काम कर रहे हैं। वह दोबारा आए तो उनके लिए बच्चे का नामकरण एक तोहफा भर है। तीन तलाक पर कानून बनाकर मोदीजी ने मुस्लिम महिलाओं को जीने का हक दिया है।'
मैनाज बेगम ने डीएम के नाम एक शपथ पत्र बनवाया है। महिला के ससुर इदरीस ने कहा कि पीएम मोदी के प्रति खुद उनकी भी व्यक्तिगत आस्था है। जब उनसे पूछा गया कि इस फैसले पर समाज क्या कहेगा तो उन्होंने जवाब दिया कि यह पारिवारिक फैसला है, कोई दखल नहीं दे सकता है।