लखनऊ: राम माधवानी के निर्देशन में बनी फिल्म 'नीरजा' क्या आई लोगों के जुबान पर इस साहसिक लड़की के कारनामें है। फिल्म में भले ही एक्ट्रेस सोनम कपूर लीड रोल में हैं, लेकिन हर कोई रियल नीरजा भनोट को अधिक से अधिक जानना चाहता है। आखिर हालांकि इस फिल्म से जुड़ी ढेरों जानकारी पहले ही सामने आ चुकी हैं। बीते दिनों फिल्म प्रमोशन के दौरान नीरजा भनोट की पुरानी तस्वीरों के साथ फ्लाइट के दौरान की गई अनाऊंसमेंट की रिकॉर्डिंग सुनाई गई थी। जो सुनने वालों को एक बार फिर उस बहादुर लड़की के बारे में सोचने पर मजबूर कर देती है। इस वीडियो को यूट्यूब पर जारी किया गया है । हालांकि इस फिल्म से जुड़ी ढेरों जानकारी पहले ही सामने आ चुकी हैं। इसके बावजूद लोग जानना चाहते है कि वो अदम्यसाहसी लड़की वास्तव में कैसी थी और क्या उसकी पसंद थी। आज हम आपको असली नीरजा के बारे कुछ और बाते बताने जा रहे है जो एकदम अलग और शायद आपके लिए अनसुनी हो।
अपने समय की सुपर मॉडल
नीरजा मुंबई में पैन ऍम एयरलाइंस की एयर होस्टेस थीं। ये तो अच्छी तरह जान गए है, लेकिन क्या ये जानते है कि नीरजा एक मॉडल भी थी। 80-90 के दशक में वो ज्यादातर प्रोडक्ट्स की ब्रॉड-एंबेस्डर थी। यूं कहे कि मॉडलिंग की दुनिया में भी उनकी चलती थी। चाहें कपड़े हो या फेयरनेस क्रीम, बेबी प्रोडक्ट्स हो या डिटरजेंट पाउडर सब में नीरजा ही नीरजा दिखती थी। हम आपको दिखाते नीरजा के किए कुछ बेहतरीन ऐड जो शायद देखे तो आज भी कुछ लोगों की यादों में होगा।
यूटूब पर देखिए नीरजा की एड फिल्म
नीरजा की एड
नीरजा ने उस समय बहुत सी एड और एड फिल्म की थी। देखिए उनकी कुछ एड फिल्म्स की फोटोज।
स्वच्छंद विचारों वाली नीरजा के लाइफ के इस एड को देखकर एक बार आप फिर यही कहेंगे कि नियति ने उसके साथ ठीक नहीं किया था।
उनके एड से तो साफ झलकता है कि वो जितनी खूबसूरत थी। उतनी ही दिल की भी अच्छी थी।
तभी तो खुद की परवाह किए बिना इतना बड़ा कदम उठाया।
ऐसा कोई नेक दिल ही कर सकता है, जो खुद से पहले दूसरों के बारे में सोचे।
इस एड में उनके ममत्व भरे उनके एहसास को साफ देख सकते है।
अपनी जान गवां कर दूसरी जान बचाते हुए हंसते-हंसते चली जाए।
इन एड को देखकर तो समझ गए होंगे कि खुले विचारों वाली नीरजा वाकई में सबसे जुदा थी। उस समय नीरजा ने खुद को साबित किया था जब महिलाओं के लिए हजार बंदिशे होती थी। उन्हें देखकर तो यही लगता है कि नेक दिल नीरजा धुन की पक्की थी। तभी तो जो इच्छा थी सबकुछ किया। इतना ही नहीं हर फील्ड में खुद को साबित भी किया।
कौन थी नीरजा?
नीरजा मुंबई में पैन ऍम एयरलाइंस की एयर होस्टेस थीं। 5 सितंबर 1986 के मुंबई से न्यूयाॅर्क से जा रहे पैन एम फ्लाइट-73 के हाईजैक प्लेन में यात्रियों की सहायता और सुरक्षा करते हुए वो आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हुईंं।उनकी बहादुरी के लिए उन्हें मरणोपरांत भारत सरकार ने शांति काल के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया। नीरजा का जन्म 7 सितंबर 1963 को चंडीगढ़ मे हुआ था। उनके पिता हरीश भनोट पेशे से पत्रकार थे। इनकी मां का नाम रमा भनोट है। शुरुआती पढ़ाई चंडीगढ़ में पूरी करने के बाद वे मुंबई आ गईं और सेंट जेवियर्स कॉलेज से आगे की पढ़ाई की ।
'हीरोइन ऑफ हाईजैक'
नीरजा चाहतीं तो दरवाजा खोलते ही खुद पहले कूदकर निकल सकती थीं, लेकिन उसने ऐसा न करके पहले यात्रियों को निकालने का प्रयास किया। बच्चों को सुरक्षित निकालने की कोशिश में नीरजा आतंकवादियों की गोली का शिकार हुई । नीरजा की इसी वीरता के कारण उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हीरोइन ऑफ हाईजैक के रूप में भी जाना जाता है। 'अशोक चक्र' पाने वाली सबसे कम उम्र की महिला नीरजा की बहादुरी को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया, जो भारत का सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है। मृत्यु के वक़्त नीरजा भनोट की उम्र 23 साल थी। इस प्रकार वे यह पदक प्राप्त करने वाली पहली महिला और सबसे कम आयु की नागरिक भी बन गईं। उन्हें विदेशों से भी सम्मान मिला। उनकी याद में मुंबई के घाटकोपर में एक चौराहे का नाम भी रखा गया। इसके अलावा उनकी स्मृति में एक संस्था ‘नीरजा भनोट पैन ऍम न्यास’ की स्थापना भी हुई। ये संस्था महिलाओं को साहस और वीरता के लिए सम्मानित करती है।