अटलजी ज़िंदा होते तो मोदी को राजधर्म के बारे में बताते : प्रमोद तिवारी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि ‘‘हार की बौखलाहट’’ से लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को पूरी तरह से भूल बैठे हैं ।
लखनऊ: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि ‘‘हार की बौखलाहट’’ से लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को पूरी तरह से भूल बैठे हैं । जिस तरह से उन्होंने आतंकवाद की बलिवेदी पर अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी जी के लिये अपमानजनक और घटिया गाली भरा आरोप लगाया है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि भारत की राजनीति में देश के अब तक के सभी प्रधानमत्रियों की गरिमा को कलंकित करने वाला है । आज अटल जी जिन्दा होते तो वे एक बार पुनः मोदी को ऐसा निन्दनीय बयान देने के लिये ‘‘राजधर्म और राष्ट्र धर्म’’ निभाने की नसीहत जरूर देते, जैसे विगत में उन्होंने मोदी को दिया था।
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तिवारी ने कहा हे कि एक सामान्य संस्कार और परम्परा रही है कि जो व्यक्ति इस दुनिया में नही रहते, और विशेष रूप से जो देश के लिये शहीद होते हैं । उनका नाम आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है । परन्तु प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्व. राजीव गांधी जी को गाली ही नहीं दी बल्कि उनके नाम पर बाकी बचे दो चरणों में चुनाव लड़ने की चुनौती भी दे डाली ।
तिवारी ने कहा है कि जिस तरह से भारतीय जनतापार्टी अब तक श्यामा प्रसाद मुखर्जी,पं. दीन दयाल उपाध्याय जी, अटल जी और आडवाणी जी की विरासत पर चुनाव लड़ती रही है, उसी तरह से कांग्रेस पार्टी भी महात्मा गांधी, पं. जवाहर लाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, सरदार बल्लभ भाई पटेल, इन्दिरा गांधी जी और राजीव गांधी के नाम पर उनके सदृकर्मों पर हमेशा चुनाव लड़ती रही है । इसीलिये मोदी जी की ये चुनौती बेमानी है ।
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तिवारी ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय तक से मुकदमा चलाने की अपील खारिज होने के बाद भी अपमानजनक भद्दी गाली देकर मोदी ने भारतीय जनतापार्टी की टीम के लिये ‘‘सेल्फ गोल’’ मार लिया है, और भारतीय जनतापार्टी की अपूर्णनीय क्षति की है । अब तक हुये चुनाव के रुझान से यह स्पष्ट हो गया है कि श्री नरेन्द्र मोदी जी प्रधानमंत्री नहीं बनने जा रहे है और इसीलिये उन्होंने जान बूझकर ‘‘सेल्फ गोल’’ मार लिया है जिससे भारतीय जनतापार्टी का कोई दूसरा नेता भी जोड़- तोड़ करके प्रधानमंत्री न बन सके ।