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कार्ति चिदंबरम को दस करोड़ रूपए जमा कराने पर विदेश यात्रा की अनुमति दी

उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को यहां शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल के पास जमानत के रूप में दस करोड़ रूपए बतौर जमानत जमा करने के बाद मई-जून में अमेरिका, जर्मनी और स्पेन जाने की मंगलवार को इजाजत दे दी। 

Anoop Ojha
Published on: 7 May 2019 1:18 PM GMT
कार्ति चिदंबरम को दस करोड़ रूपए जमा कराने पर विदेश यात्रा की अनुमति दी
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को यहां शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल के पास जमानत के रूप में दस करोड़ रूपए बतौर जमानत जमा करने के बाद मई-जून में अमेरिका, जर्मनी और स्पेन जाने की मंगलवार को इजाजत दे दी।

कार्ति चिदंबरम, जिनके खिलाफ आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामलों में जांच चल रही है, ने ‘‘टोटस टेनिस लि.’’ द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय टेनिस टूर्नामेन्ट के लिये अमेरिका, जर्मनी और स्पेन जाने के लिये शीर्ष अदालत से अनुमति मांगी थी।

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प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कार्ति चिदंबरम को विदेश यात्रा की अनुमति दी क्योंकि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध नहीं किया।

पीठ ने कहा कि कार्ति चिदंबरम को उन्हीं शर्तो पर विदेश जाने की अनुमति दी जाती है जो इससे पहले उनकी विदेश यात्रा के दौरान लगायी गयी थीं। पीठ ने कहा कि कार्ति को शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल के पास जमानत के रूप में दस करोड़ रूपए जमा कराने होंगें।

कार्ति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के वी विश्वनाथन ने कहा कि पिछली बार जमा कराये गये दस करोड़ रूपए की धनराशि अभी भी उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री के पास ही है।

इस पर पीठ ने कहा, ‘‘हमें नहीं लगता कि आपको दुबारा दस करोड़ रूपए जमा कराने में किसी प्रकार की परेशानी होगी।

शीर्ष अदालत ने इस साल 30 जनवरी को काग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को उच्चतम न्यायालय के सेक्रेटरी जनरल के यहां दस करोड़ रूपए जमा कराने के बाद विदेश जाने की अनुमति दी थी। साथ ही उन्हें आगाह किया था कि अगर उन्होंने आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामलों की जांच में सहयोग नहीं किया तो उनके साथ सख्ती की जायेगी।

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न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर कार्ति को एक लिखित आश्वासन दाखिल करने का निर्देश दिया था जिसमें उनकी उड़ानों का विवरण और भारत लौटने की तारीख हो।

जांच एजेन्सी ने इससे पहले विदेश जाने के लिये कार्ति के आवेदन का विरोध किया था और कहा था कि वह सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं और जांच में सहयोग भी नहीं कर रहे हैं जिसकी वजह से जांच पूरी होने में विलंब हो रहा है। जांच एजेन्सी ने न्यायालय से कहा था कि पिछले छह महीने में कार्ति चिदंबरम 51 दिन विदेश रहे हैं।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 18 सितंबर को कार्ति को 20-30 सितंबर तक ब्रिटेन जाने की अनुमति प्रदान की थी।

कार्ति के खिलाफ अनेक आपराधिक मामलों में प्रवर्तन निदेशालय और केन्द्रीय जांच ब्यूरो जांच कर रहा है। इसमें आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रूपए का विदेशी धन प्राप्त करने के प्रस्ताव को विदेशी निवेश संर्वद्धन बोर्ड की मंजूरी से संबंधित मामला भी शामिल है। आईएनएक्स को जब इसकी मंजूरी दी गयी थी तो कार्ति के पिता पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे।

(भाषा)

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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