अमेठी: संजय गांधी हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड दिखाने पर मरीज को मिला ये जवाब
मामला संजय गांधी हास्पिटल से जुड़ा था, इसलिए स्मृति ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को कटघरे मे खड़ा कर दिया। हालांकि हास्पिटल प्रशासन ने पूरे मामले पर अपना बयान दिया तो उससे सारा कुछ सामने आ गया।
अमेठी: चुनाव से ठीक चौबीस घंटे पहले अमेठी का सियासी पारा एकाएक तब गर्मा उठा जब बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने ट्विटर पर धड़ाधड़ दो वीडियो ट्वीट किए। बीजेपी भी स्मृति के समर्थन मे उतर आई।
मामला संजय गांधी हास्पिटल से जुड़ा था, इसलिए स्मृति ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को कटघरे मे खड़ा कर दिया। हालांकि हास्पिटल प्रशासन ने पूरे मामले पर अपना बयान दिया तो उससे सारा कुछ सामने आ गया।
स्मृति ईरानी ने ट्विटर पर एक दो बार वीडियो शेयर किया पहले का शीर्षक रखा "आज मैं निशब्द हूँ - कोई इतना गिर सकता है यह कभी नहीं सोचा था। एक ग़रीब को सिर्फ़ इसलिए मरने दिया क्यूँकि उसके पास मोदी का आयुष्मान कार्ड था पर अस्पताल राहुल गांधी का था।"
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दूसरा शीर्षक रखा "संजय गांधी अस्पताल के ट्रस्टी राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा जवाब दें अमेठी को-एक निर्दोष को क्यूँ मार दिया गया?"
ये है मामला
इसके बाद मीडिया ने मृतक के भतीजे अरुण कुमार मिश्र से बात की तो उसने बताया हमारे चाचा हैं नन्हे लाल मिश्रा हम उनको लेकर गए संजय गांधी अस्पताल मे उनको पेट और पैर मे दिक्कत थी। वहां एडमिट कर लिया गया तीन हजार रूपए हमने जमा किया, दवा भी हुआ। हमने प्रयास किया हमारे पास आयुष्मान कार्ड था पांच लाख तक इलाज इस पर फ्री रहता है। उसको दिखाने पर उन लोगो ने कहा ये आयुष्मान कार्ड योगी और मोदी का है।
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ये कांग्रेस का है यहां ये नहीं चलेगा, मैने बहुत कोशिश की। वहां वाद-विवाद भी हुआ डाक्टर से सब से लेकिन कोई फर्क नहीं। पेशेंट की मृत्यु के कारण हम लोग शिकायत कही नहीं कर सके क्योंकि मृतक की बहुत ज्यादा उम्र भी नहीं थी 40 के आसपास। स्मृति जी हमारे क्षेत्र मे पहुंची हमारे चाचा जी दाग़ दिए थे पूछने पर तब हमने उनसे बताया ऐसे ऐसे हुआ। स्मृति ईरानी जी हो या राहुल जी हो जो सांसद होगा हमें पट्टी दारी नही करना है। उसने बताया कि 25 अप्रैल को भर्ती कराया था और 26 को मौत हुई।
क्या कहता है अस्पताल प्रशासन?
इस संदर्भ मे संजय गांधी हास्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर सर्जन कैप्टन सूर्य महेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि ट्विट मे कोई तथ्य नहीं, पेशेंट 25 तारीख को हमारे अस्पताल मे आया था, वो काफी नशा करते थे। उनका लीवर पूरी तरह से खराब हो चुका था। हमारे अस्पताल या पूरे अमेठी डिस्ट्रिक्ट मे कोई टर्चरी केयर सेंटर नहीं है। तो हमारे यहां जितना इलाज हो सकता था हमने किया। उसके बाद मैने उनको सजेस्ट किया था ये 26 तारीख की बात है जैसे ही उनके लिए एंबुलेंस वगैरह का इन्तज़ाम हो रहा था पेशेंट को सीपी हुआ उसके बाद हम पेशेंट को बचा नहीं पाए। लग रहे आरोप ग़लत है किसी भी अस्पताल मे कही भी कोई पालिटिकल ऐफिरिऐशन नहीं होता है। हम मरीज को मरीज समझ के ट्रीट करते हैं।
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वही संजय गांधी हास्पिटल के प्रबंधक वित्त एवं प्रशासन भोला नाथ त्रिपाठी ने बताया कि नन्हेलाल हमारे घर से मात्र तीन किलो मीटर दूर सरैया ताल्लुके दादरा के रहने वाले हैं भलीभांति जानता हूं शाम को जिस टाइम भर्ती होने आए इनके पास आयुष्मान भारत क़ा कार्ड नहीं था।
उन्होंने कहा जानता हूं भाजपा के अच्छे कार्यकर्ता हैं शराबी हैं सर्वोदय इंटर कालेज पिंडारा मे इनका भाई जगरनाथ वहां नौकरी करता है उसके बारे मे वहां के किसी भी आदमी से पूछा जा सकता है। 25 को भर्ती होने वाला आदमी 26 को उसकी डेथ तक हो रही हमारे हास्पिटल से डेड बाडी तक ले जा रहा है तो आजतक इस मामले को क्यों नहीं किया गया आज इसको राजनीतिक रंग देने के लिए 5 तारीख को इस लिए ओपेन किया गया के कांग्रेस इसका कोई काउंटर न कर पाए। उसने शव प्राप्त किया है लिखा है, उसने कही लिखा ही नहीं के आयुष्मान भारत का कार्ड हमारे पास था उसके तहत इलाज नहीं हुआ।
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