आतंकवादी जेल से हुए नहीं फरार
तंत्र वहां था मिल गया बना वो उनका यार
बना वो उनका यार तभी तो भगे-भगाये
रिश्वत के फेरे में डिप्टी जेल भी आए
देख तमाशा देश का कैसा है बेहाल
बेटे की रोजी की खातिर बाप हुआ हलाल।
तंत्र वहां था मिल गया बना वो उनका यार
बना वो उनका यार तभी तो भगे-भगाये
रिश्वत के फेरे में डिप्टी जेल भी आए
देख तमाशा देश का कैसा है बेहाल
बेटे की रोजी की खातिर बाप हुआ हलाल।