हरकत हिंसा की हुई, हुई मुम्बई लाल
वहशी लोगों ने किया फिर से एक धमाल
फिर से एक धमाल, ये कैसी घृणित मंशा
भाई से भाई को क्यों बांटे यह हिंसा
जग को हम देते रहे अहिंसक उपदेश
गांधी तेरे देश का क्यों बदला परिवेश।
वहशी लोगों ने किया फिर से एक धमाल
फिर से एक धमाल, ये कैसी घृणित मंशा
भाई से भाई को क्यों बांटे यह हिंसा
जग को हम देते रहे अहिंसक उपदेश
गांधी तेरे देश का क्यों बदला परिवेश।