दया, धर्म और प्रेम की रही न कोई बात

Update:1993-03-31 13:31 IST
दया, धर्म और प्रेम की रही न कोई बात
हिंसक आगे बढ़ रहे, करे घात-प्रतिघात
करे घात-प्रतिघात, हो रही व्यापक हिंसा
गांधी के  सिद्धांत हैं झूठे, झूठी हुई अहिंसा
दुष्ट दलन होगा तभी, छेड़े जब अभियान
करते हैं संके त सब दुश्मन हर इंसान।

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