राजनीति में चल रहा कुर्सी का हर दांव

Update:1993-04-07 21:41 IST

राजनीति में चल रहा कुर्सी का हर दांव



हिंसा अत्याचार भी हो गए अंगद के  पांव



हो गए अंगद के  पांव छांव की रही न आशा



राजसत्ता दगा दे रही बड़ी निराशा



इसी व्यथा के  नाते जीना हुआ हराम



कैसे फिर सत्ता मिले साथ नहीं श्रीराम।

Similar News