कब-तक कह पाएंगे आप यहां पर बात

Update:1993-04-15 15:53 IST

कब-तक कह पाएंगे आप यहां पर बात



धीरे-धीरे मर रही लोकतंत्र की जात



लोकतंत्र की जात बिक रही औने-पौने



राजनीति में चल रहे हथियार घिनौने



श्वेत वस्त्र में जुड़ रहा श्वेत व्यसन का राज



कैसे ये रख पाएंगे भारत का सरताज।

Similar News