कब-तक कह पाएंगे आप यहां पर बात
धीरे-धीरे मर रही लोकतंत्र की जात
लोकतंत्र की जात बिक रही औने-पौने
राजनीति में चल रहे हथियार घिनौने
श्वेत वस्त्र में जुड़ रहा श्वेत व्यसन का राज
कैसे ये रख पाएंगे भारत का सरताज।
कब-तक कह पाएंगे आप यहां पर बात
धीरे-धीरे मर रही लोकतंत्र की जात
लोकतंत्र की जात बिक रही औने-पौने
राजनीति में चल रहे हथियार घिनौने
श्वेत वस्त्र में जुड़ रहा श्वेत व्यसन का राज
कैसे ये रख पाएंगे भारत का सरताज।