खरबूजे के फांके से फिर मिलेंगे आप
कुर्सी तक जाने का रस्ता दिखता साफ
रस्ता दिखता साफ इतिहास घिनौना है
कुर्सी-कुर्सी खेल सरकार खिलौना है
बार-बार टूटे-जुड़े आसन की हर चूल
फिर जनता कैसे करे, मत देने की भूल।
खरबूजे के फांके से फिर मिलेंगे आप
कुर्सी तक जाने का रस्ता दिखता साफ
रस्ता दिखता साफ इतिहास घिनौना है
कुर्सी-कुर्सी खेल सरकार खिलौना है
बार-बार टूटे-जुड़े आसन की हर चूल
फिर जनता कैसे करे, मत देने की भूल।